नई दिल्ली: सरकार ने बेटियों को बड़ी राहत देते हुए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। पेंशनभोगियों के पारिवारिक विवरण से अब बेटियों का नाम नहीं हटाया जाएगा। इसे उनके लिए अच्छी खबर माना जा रहा है। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों या पेंशनभोगियों के पारिवारिक विवरण से बेटियों का नाम नहीं हटाया जाना चाहिए।
यह दिशानिर्देश इस बारे में कई सवाल उठने के बाद आया है कि क्या किसी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद बेटियों का नाम हटाया जा सकता है। मौजूदा नियमों के अनुसार, बेटियों सहित परिवार के सभी सदस्यों का नाम आधिकारिक तौर पर पारिवारिक रिकॉर्ड में दर्ज होना चाहिए।
भले ही वे पारिवारिक पेंशन के लिए तुरंत पात्र न हों। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और यह सुनिश्चित करना है कि लाभ सही लाभार्थियों तक पहुँचें।
पेंशनभोगियों के साथ सूचीबद्ध सदस्य
पेंशनभोगियों के साथ परिवार के कई सदस्यों को भी सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। इन सदस्यों में पति/पत्नी, सभी बच्चे, माता, पिता और विकलांग भाई-बहन शामिल हैं। ये विवरण कार्यालय प्रमुख को फॉर्म 4 में जमा करने होंगे। जब भी परिवार की संरचना में कोई बदलाव न हुआ हो, चाहे वह जन्म हो या गोद लेना, तो इसमें संशोधन किया जाना चाहिए। कल्याण विभाग के कार्यालय ज्ञापन में यह स्पष्ट किया गया है। एक बार बेटी का विवरण शामिल हो जाने पर, परिवार के सदस्य के रूप में उसकी स्थिति वैध बनी रहती है। ज्ञापन में कहा गया है कि, इसलिए, बेटी का नाम परिवार के सदस्य के विवरण में शामिल रहेगा।
पेंशनभोगी या पारिवारिक पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद नियमों के अनुसार पारिवारिक पेंशन पात्रता निर्धारित की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होता है कि पेंशनभोगी के जीवनकाल में परिवार की सूची पूरी रहे, जबकि पात्रता की पुष्टि बाद में प्रचलित नियमों के आधार पर की जाती है।