अयोध्या में 22 जनवरी को विशाल नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की बड़े स्तर पर तैयारी चल रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय देश के विदेश के कई प्रतिष्ठित अतिथि भी उपस्थित रहने वाले लोगों ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साहित भी बहुत है। 22 जनवरी के दिन होने वाले प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है और अब तक प्रायश्चित और कम्रकुटी पूजन और मूर्ति का परिसर में प्रवेश हो चुका है।
जानिए राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आगे आगे क्या-क्या होना है।
प्राण प्रतिष्ठा का शेड्यूल
अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में कर्नाटक के मूर्ति अरुण योगीराज की बनाई राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। मंदिर में स्थित भगवान राम की मूर्ति जिसकी पिछले 70 साल से पूजा हो रही हैं। उसे भी मंदिर के गर्भ ग्रह में रखा जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त मंदिर में राम लला की शुभ प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी की तिथि यानी 22 जनवरी को होगी। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में शुरू होगा।
पूर्व कार्यक्रम
16 जनवरी को प्रायश्चित और कर्मकुटी पूजन
17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश
18 जनवरी को( शाम )तीर्थ पूजन ,जल यात्रा और गंधाधिवास
18 जनवरी(सुबह ) को औषध धीवास, केसर धीवास , घृत धीवास
19 जनवरी को (शाम) धान्याधिवास
20 जनवरी (सुबह) को शर्कराधिवास, फलाधिवास
20 जनवरी (शाम )को पुष्प धीवास
20 जनवरी को पुष्पाधीवास
21 जनवरी (सुबह )को मध्य धीवास
22 जनवरी (शाम )कोशैयाधिवास
अनुष्ठान की गतिविधियां
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 121 आचार्य शामिल होंगे और अनुष्ठान संपन्न करेंगे। कार्यक्रम का समन्वय और एंकरिंग गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ करने वाले हैं। प्रमुख आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित है।
अयोध्या के राम मंदिर के रसोई में इतनी बड़ी कढ़ाई बनाई है जिसे क्रेन से उठाया जा सकता है। इस कढ़ाई में 6000 किलो राम हलवा बनाया जाएगा। इस दिया गया ‘हनुमान कढ़ाई’ स्टैंड के साथ इसकी ऊंचाई तकरीबन साढ़े छह फुट है। इस विशाल कढ़ाई को नागपुर में बनाया है।