किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए ऐसी फसलों की खेती करनी चाहिए जिनकी बाजार में डिमांड रहती है साथ इसका बेहतर दाम मिल सके। इसलिए यहां से जैतून की खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है। जैतून की खेती की खास बात है किसी एक बार उगाने के बाद इसकी खेती 100 साल तक मुनाफा कमा सकते हैं। जैतून की खेती के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ किसानों को प्रदान किया जाता है।
जैतून के तेल की कीमत बाजार में काफी अच्छी मिलती है
जैतून के तेल की कीमत बाजार में काफी अच्छी मिलती है। इसकी बाजार में भी मांगअच्छी है। दुनिया भर में नामी होटल में जैतून के फल से कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं। इसकी पत्तियों से चाय बनाई जाती है। इस तरह इसके फल ,पत्तियां व तेल तीनो से ही कसाना को लाभ हो सकता है। बता दे की जैतून के तेल का उपयोग खाने के अलावा सौंदर्य प्रसाधन और दवाइयां बनाने में होता है। इसेदेखते हुए जैतून की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है । मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान में अभी जैतून की खेती की रकबा बढ़कर करीव 1100 हेक्टर से अधिक हो गया है ।
राजस्थान में इसकी खेती इजरायल की सहयोग से 2007 में शुरू की गई थी। साल 2007 में जयपुर की करीब 1 लाख से अधिक पौधे इजराइल से मंगवाए गए। गंगानगर की किसान दीपक सहारण के मुताबिक , परंपरागत खेती के साथ उन्होंने जैतून की खेती शुरू की इसके लिए करीब 5 साल पहले उन्होंने पांच हेक्टर खेत में 7000 जैतून की पौधे लगाए। अब इन पौधों का बेहतर विकास हो रहा है उनका कहना है कि राजस्थान का की जैतून का तेल दुनिया भर की क्वालिटी के हिसाब से बेहतर माना जाता है।
जैतून की पत्तियों से चाय भी बन जाती है
अब तो जैतून की पत्तियों से चाय भी बन जाती है । इससे किसानों को दोहरा लाभ मिल रहा है इसके पौधे की उम्र काफी ज्यादा होती है। ऐसे में यदि एक बार इसका पौधा ठीक से तैयार हो जाए तो इसे 100 साल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। जैतून के तेल की बाजार की एक भी काफी मांग है। जैतून के 1 लीटर तेल की कीमत हजार रुपए के करीब है । वहीं इसके फल की कीमत ₹60 किलोग्राम है। जैतून के एक पौधे से करीब 30 किलोग्राम फल प्राप्त किया जा सकते हैं। यदि किसान एक हेक्टर में जैतून की खेती करते हैं तो करीब 1250 पौधे लगा सकते हैं। एक किलोग्राम जैतून के फसल के करीब 7 से 15% तक तेल प्राप्त होता है राजस्थान सरकार किसानों को ₹60 किलोग्राम के हिसाब से जैतून के फल खरीद रही है। ऐसे में से किसान इसके फल और तेल को बेच कर काफी अच्छे काम मुनाफा कमा सकते हैं।
पौधे का रोपण जुलाई से अगस्त में किया जाता है
जैतून के तेल में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह बच्चे बच्चे की मालिश के काम आता है। जैतून के पौधे की रोपाई साल में कभी भी की जा सकती है हालांकि इसके पौधे का रोपण जुलाई से अगस्त में किया जाता है। लेकिन जहाँ सिंचाई की सुविधा हो तो वहां इसके पौध रोपण दिसंबर से जनवरी में भी किया जा सकता है।
राजस्थान के लिए जैतून की 4 किस्म अच्छी बताई गई है। इसमें बार्निया, अरबी क्युना, कोरोनीकी और कोर्टिना है। बता दे की राजस्थान में जैतून की खेती काफी होती है । यहां के जोधपुर ,जैसलमेर , बीकानेर ,हनुमानगढ़ ,श्रीगंगानगर ,नागौर ,झुंझुनू ,जालौरव अलवर की खेती की जा सकती है जो किसान जैतून की खेती करना चाहते हैं। जैतून का पौधा सरकारी नर्सरी से मिल सकता है। जयपुर में इसकी नर्सरी से पौधे तैयार किए जाने का काम होता है। जयपुर सरकारी नर्सरी प्राइवेट नर्सरी से भी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा अमेजॉन जैसी साइट भी जैतून के पौधा बेचती है वहां भी इसकी पौध खरीदी जा सकती है।
किसानों को जैतून की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है
राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को जैतून की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है । इसी किसानों का रुझान इसकी और बढ़ा है । राजस्थान सरकार की ओर से जैतून की खेती के लिए किसानों को करीब ₹50000 की सब्सिडी दी जाती है। जयपुर की खेती में सब्सिडी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप अपने क्षेत्र के निकटतम कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।