मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) में हाल ही में कुछ अनियमितताएँ सामने आई हैं। केंद्र सरकार ने बताया है कि देश भर में लगभग 17 लाख मामलों में पति-पत्नी दोनों इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाए गए एक जाँच अभियान में यह बात सामने आई है। सरकार अब इसे लेकर सतर्क हो गई है। उसने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर इन संदिग्ध मामलों की सत्यापन प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने को कहा है।
सरकार आगे क्या कर सकती है?
केंद्र सरकार ने पीएम किसान योजना के तहत 31 लाख से ज़्यादा ऐसे लाभार्थियों की पहचान की है, जहाँ पति-पत्नी दोनों लाभ प्राप्त कर रहे हैं। कृषि मंत्रालय ने अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इन संदिग्ध मामलों की जाँच करने और 15 अक्टूबर तक अनुपयुक्त लाभार्थियों को सूची से हटाने को कहा है। केंद्र सरकार 21वीं किस्त जारी होने से पहले यह कदम उठा रही है। कृषि मंत्रालय द्वारा सूचीबद्ध 31 लाख संदिग्ध मामलों में से अब तक लगभग 19 लाख की जाँच हो चुकी है। इनमें से लगभग 94 प्रतिशत मामलों में यह पुष्टि हुई कि पति और पत्नी दोनों ही योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर रहे थे।
विशेष योजना का उद्देश्य
पीएम किसान योजना के तहत, किसान परिवारों के बैंक खातों में हर चार महीने में तीन बराबर किस्तों में ₹6,000 की वित्तीय सहायता भेजी जाती है। फरवरी 2019 में इस योजना के शुभारंभ के बाद से, 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को 20 किस्तों का भुगतान किया जा चुका है। इससे पहले, मंत्रालय ने 33 लाख से अधिक संदिग्ध मामलों का पता लगाया था जहाँ भूस्वामियों का विवरण गलत पाया गया था।
केंद्र सरकार ने हाल ही में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के बाद जम्मू-कश्मीर के किसानों के खातों में 21वीं किस्त के रूप में ₹2,000-₹2,000 हस्तांतरित किए। इन राज्यों में आई भीषण आपदा के कारण सरकार ने यह कदम उठाया है। उम्मीद है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्तें जल्द ही अन्य राज्यों के लिए भी जारी की जाएँगी।