कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। हाल ही में हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की 238वीं बैठक में PF खातों से पैसे निकालने के नियमों में कुछ अहम बदलाव किए गए। यह करोड़ों EPFO सदस्यों के लिए एक बड़ी राहत होगी। इन नए नियमों के साथ, सदस्य अब अपनी ज़रूरतों के अनुसार अपने PF खातों से ज़्यादा आसानी से और तेज़ी से पैसे निकाल सकते हैं। नए नियमों का उद्देश्य EPFO सदस्यों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। आइए इन बदलावों पर विस्तार से नज़र डालते हैं।
PF निकासी नियमों में बड़े बदलाव
100% निकासी की सुविधा: सबसे बड़ा बदलाव यह है कि EPFO सदस्य अब अपने PF खाते में ‘पात्र शेष’ राशि का 100% तक निकाल सकते हैं। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का हिस्सा शामिल है। इससे सदस्य तत्काल ज़रूरतों के लिए बड़ी रकम निकाल सकेंगे।
सरल आंशिक निकासी नियम: पहले आंशिक निकासी के लिए 13 जटिल नियम थे। अब इन्हें तीन श्रेणियों में सरलीकृत कर दिया गया है:
आवश्यक आवश्यकताएँ: बीमारी, शिक्षा और विवाह जैसी तत्काल आवश्यकताओं के लिए निकासी।
आवास संबंधी आवश्यकताएँ: घर बनाने या खरीदने के लिए निकासी।
विशेष परिस्थितियाँ: अन्य अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए निकासी।
बढ़ी हुई निकासी सीमाएँ: कुछ मामलों में निकासी सीमाएँ बढ़ा दी गई हैं:
शिक्षा के लिए: सदस्य अब शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं के लिए 10 गुना तक निकासी कर सकते हैं।
विवाह के लिए: सदस्य विवाह संबंधी ज़रूरतों के लिए 5 बार तक निकासी कर सकते हैं। इससे पहले, शिक्षा और विवाह के लिए केवल 3 बार निकासी की अनुमति थी।
न्यूनतम सेवा अवधि में कमी: आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि अब केवल 12 महीने है। इससे नए कर्मचारियों के लिए ज़रूरत पड़ने पर पैसा निकालना आसान हो जाता है।
विशेष परिस्थितियों में कोई कारण नहीं: पहले, सदस्यों को प्राकृतिक आपदाओं, तालाबंदी या बेरोजगारी जैसी विशेष परिस्थितियों में निकासी के लिए विशिष्ट कारण बताने पड़ते थे। अब, उन्हें कोई कारण बताने की आवश्यकता नहीं है, जिससे प्रक्रिया आसान हो गई है।
ये नए नियम ईपीएफओ सदस्यों की वित्तीय सुरक्षा को मज़बूत करेंगे और आपात स्थिति में उनकी मदद करेंगे। ईपीएफओ के इस कदम का देश भर के करोड़ों कर्मचारियों ने स्वागत किया है।