उत्तराखंड आंगनवाड़ी पदोन्नति:- दिवाली से पहले महिलाओं के लिए खुशखबरी आई है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का पदोन्नति कोटा बढ़ाने का फैसला लिया गया है। यानी अब 50 प्रतिशत महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सीधे पर्यवेक्षक के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। राज्य का आंगनवाड़ी महिला एवं बाल विकास विभाग अधीनस्थ पर्यवेक्षक सेवा नियमावली 2021 में संशोधन कर रहा है। पहले यह कोटा केवल 40 प्रतिशत था।
इसके अनुसार, राज्य सरकार ने इस कोटे में 10% की वृद्धि की है। मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। अब मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा।
मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में, केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य के सभी मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्रों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के बाद, अब मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सीधे पर्यवेक्षक के पद पर पदोन्नत किया जाएगा।
सरकार के इस कदम से न केवल सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि कार्यकर्ताओं के लिए नई आशा और अवसर भी जगेंगे। पर्यवेक्षक बनने पर उनके वेतन में भी वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने रायपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों को फ्रीज़ ज़ोन घोषित करने के लिए प्रस्तावित विधानसभा क्षेत्रों में मामूली संशोधन करने का निर्णय लिया है, जिससे वहाँ छोटी दुकानों के निर्माण की अनुमति मिल सकेगी।
नियमों में संशोधन
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों के सेवा नियमों में संशोधन का निर्णय लिया गया है।
इससे अब स्वास्थ्य कर्मियों को पाँच वर्ष की पर्याप्त सेवा के बाद अपने जीवनकाल में एक बार अपने पद पर स्थानांतरण की अनुमति मिल जाएगी। इसके अलावा, वे नए जिले के संवर्ग में सबसे कनिष्ठ होंगे। इस परिवर्तन से पर्वतीय क्षेत्रों से मैदानी क्षेत्रों और पर्वतीय जिलों में स्थानांतरण भी आसान हो जाएगा।