जैसलमेर बस अग्निकांड की भयावहता – मंगलवार! जैसलमेर-जोधपुर राजमार्ग राजस्थान के तपते रेगिस्तान से होकर गुजरता है। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे, केके ट्रैवल्स की एक एसी स्लीपर बस जोधपुर की ओर तेज़ी से बढ़ रही थी। किसी को क्या पता था कि कुछ ही मिनटों में बस जलते हुए ताबूत में बदल जाएगी और कई जानें ले लेगी।
यात्रियों के अनुसार, बस के पिछले हिस्से से अचानक धुआँ उठने लगा और देखते ही देखते आग की लपटों ने पूरे एसी केबिन को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए खिड़कियों से बाहर कूद पड़े और सड़क पर लोटने लगे। मंजर इतना भयावह था कि कई लोगों के कपड़े जलकर उनके शरीर पर लग गए।
आग इतनी भीषण थी कि चार घंटे तक शव नहीं निकाले जा सके!
हादसे की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हालाँकि दमकल विभाग ने आग बुझा दी, लेकिन बस का पिछला हिस्सा घंटों तक इतना गर्म रहा कि कोई उसके पास भी नहीं जा सका।
जैसलमेर के कलेक्टर प्रताप सिंह खुद घटनास्थल पर स्थिति का जायज़ा लेने पहुँचे। उन्होंने दुख जताते हुए कहा, “बस पूरी तरह से राख हो गई है। चार घंटे बाद भी, धातु का ढाँचा अभी भी धधक रहा है। शव सीटों के अंदर फँसे हुए हैं, और अत्यधिक गर्मी के कारण हम उन्हें निकाल नहीं पा रहे हैं। अब बस में सिर्फ़ राख और जले हुए शव ही बचे हैं।”
मृतकों की संख्या: 20 लोगों के मारे जाने की आशंका
सहायक अग्निशमन अधिकारी कृष्णपाल सिंह राठौर ने शुरुआत में 10 से 12 लोगों के मारे जाने का अनुमान लगाया था, लेकिन बाद में मिली रिपोर्टों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मृतकों की संख्या 15 से 20 हो सकती है। इस दुर्घटना में दो बच्चों और चार महिलाओं सहित सोलह यात्री गंभीर रूप से झुलस गए।
प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और घायलों को जोधपुर पहुँचाने के लिए राजमार्ग 125 पर एक ‘ग्रीन कॉरिडोर’ स्थापित किया। जैसलमेर के जवाहर अस्पताल से सायरन बजाती आठ एम्बुलेंस घायलों को लेकर जोधपुर के लिए रवाना हुईं।
जांच में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है!
पुलिस ने स्वागत ट्रैवल्स के एजेंट लक्ष्मण को हिरासत में लिया है। शुरुआती जाँच में पता चला है कि बस में सवार कई यात्रियों के टिकट मौके पर ही जारी कर दिए गए थे। इसका मतलब है कि यात्रियों की वास्तविक संख्या का कोई रिकॉर्ड नहीं था! पुलिस फिलहाल बस में सवार कुल यात्रियों की संख्या का पता लगाने की कोशिश कर रही है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट होने का संदेह है।
दुर्घटनास्थल पर सड़कों पर अभी भी काले धब्बे दिखाई दे रहे हैं और हवा में जले हुए रबर और मांस की गंध महसूस की जा सकती है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने दिल दहला देने वाली बात कही, “हमने ऐसे दृश्य सिर्फ़ फ़िल्मों में देखे थे, लेकिन आज ये हक़ीक़त बन गए। चीख-पुकार और चीख-पुकार की आवाज़ें आज भी हमारे कानों में गूंज रही हैं।”