Land Registry Documents :जमीन रजिस्ट्री के नए नियम, अब अनिवार्य हुए 5 जरूरी दस्तावेज

Saroj kanwar
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Land Registry Documents: भारत सरकार ने जमीन की खरीद-फरोख्त में बढ़ते फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी को रोकने के लिए भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पहले से अधिक पारदर्शी और कठोर बना दिया है। हाल के वर्षों में एक ही संपत्ति को कई लोगों के नाम पर ट्रांसफर करने जैसे मामलों के सामने आने के बाद अब नई गाइडलाइन लागू की गई है।

पैन कार्ड और फोटो अनिवार्य

नए नियमों के तहत भूमि रजिस्ट्री के समय खरीदार और विक्रेता दोनों को अपना पैन कार्ड प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। साथ ही, पासपोर्ट साइज फोटो भी जमा करनी होगी। इससे प्रत्येक पक्ष की पहचान स्पष्ट रूप से दर्ज होगी और भविष्य में विवाद की संभावनाएं कम होंगी।

पहचान और संपत्ति से जुड़े प्रमाण

अब आधार कार्ड को पहचान और पते के प्रमाण के रूप में अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही खसरा नंबर, खतौनी, भू-नक्शा और खरीदार-विक्रेता के बीच हुआ सेल एग्रीमेंट भी रजिस्ट्री के समय जमा करना जरूरी होगा। यह बदलाव संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।

वित्तीय देनदारियों की जांच

यदि संबंधित संपत्ति पर टैक्स या अन्य सरकारी देनदारी है, तो उसकी रसीदें भी प्रस्तुत करनी होंगी। यह प्रावधान इसलिए रखा गया है ताकि खरीदार को किसी भी प्रकार के बकाया भुगतान या कानूनी झंझट का सामना न करना पड़े। जब तक ये दस्तावेज जमा नहीं होंगे, रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाएगी।

ऑनलाइन और पारदर्शी प्रक्रिया

सरकार ने भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल करने का निर्णय लिया है। अब तहसील और रजिस्ट्री कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। चालान जनरेट करने से लेकर दस्तावेज अपलोड करने और रजिस्ट्री की पुष्टि तक सभी कार्य एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पूरे किए जाएंगे। इससे समय और धन की बचत के साथ भ्रष्टाचार और बिचौलियों पर भी अंकुश लगेगा।

फर्जीवाड़े पर कड़ा नियंत्रण

नए नियमों का मुख्य उद्देश्य जमीन की खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाना और फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है। डिजिटल प्रक्रिया और अनिवार्य दस्तावेजी जांच के कारण एक ही जमीन को कई बार बेचने जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी। इससे खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा और भूमि लेन-देन सुरक्षित बनेगा।

अस्वीकरण

यह जानकारी सामान्य जनहित के लिए है। भूमि रजिस्ट्री से जुड़े नियम राज्यों की नीतियों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। सटीक जानकारी के लिए अपने स्थानीय तहसील कार्यालय या संबंधित विभाग से संपर्क करें।

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