Cibil Score New Rule :लोन लेने के लिए RBI ने सिबिल स्कोर के लिए नए नियम लागू किए

Saroj kanwar
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Cibil Score New Rule: सिबिल स्कोर एक तीन अंकों की संख्या है जो तीन सौ से नौ सौ के बीच होती है और यह आपके क्रेडिट इतिहास और वित्तीय व्यवहार को दर्शाती है। जब भी आप बैंक या किसी वित्तीय संस्था से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर देखा जाता है। यदि आपका स्कोर सात सौ पचास या उससे अधिक है तो आपको आसानी से ऋण मिल जाता है और अच्छी ब्याज दर भी मिलती है। लेकिन यदि स्कोर कम है तो ऋण मिलना मुश्किल हो जाता है या फिर उच्च ब्याज दर पर मिलता है। इसलिए अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना हर व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है।

पहली जनवरी 2025 से लागू नए नियम

भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय ने पहली जनवरी 2025 से सिबिल स्कोर और क्रेडिट रिपोर्टिंग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नए नियम लागू किए हैं। ये बदलाव उपभोक्ताओं के हित में किए गए हैं और इनका उद्देश्य क्रेडिट प्रणाली को अधिक पारदर्शी, न्यायसंगत और सुलभ बनाना है। इन नए नियमों से विशेष रूप से पहली बार ऋण लेने वाले लोगों को बहुत फायदा होगा। साथ ही जो लोग अपने क्रेडिट व्यवहार में सुधार कर रहे हैं उन्हें भी जल्दी लाभ मिलेगा। ये नियम बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को भी अधिक जिम्मेदार और पारदर्शी बनाएंगे। आइए इन महत्वपूर्ण बदलावों को विस्तार से समझते हैं।

हर पंद्रह दिन में होगा स्कोर अपडेट

नए नियमों में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब सिबिल स्कोर हर पंद्रह दिन में अपडेट होगा। पहले यह महीने में केवल एक बार अपडेट होता था जिसके कारण यदि आपने कोई ईएमआई चुका दी या कोई सुधार किया तो उसे दिखने में पूरा महीना लग जाता था। अब यह प्रक्रिया तेज हो गई है और आपके क्रेडिट व्यवहार में किए गए किसी भी सुधार का असर जल्दी दिखाई देगा। उदाहरण के लिए यदि आपने समय पर ईएमआई भर दी है तो यह पंद्रह दिन में आपकी रिपोर्ट में दिखाई देगा। इससे आप तेजी से अपने स्कोर को सुधार सकते हैं और जल्दी ऋण के लिए पात्र बन सकते हैं। यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपने स्कोर को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

रिपोर्ट चेक होने पर मिलेगी सूचना

नए नियमों के अनुसार अब जब भी कोई बैंक या वित्तीय संस्था आपकी सिबिल रिपोर्ट या क्रेडिट स्कोर चेक करेगी तो उसे आपको एसएमएस या ईमेल के माध्यम से तुरंत सूचित करना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान आपकी गोपनीयता और सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे आपको पता चलेगा कि किसने और कब आपकी क्रेडिट रिपोर्ट देखी है। यदि कोई अनधिकृत व्यक्ति या संस्था आपकी रिपोर्ट एक्सेस करने की कोशिश करता है तो आप तुरंत सतर्क हो सकते हैं और शिकायत कर सकते हैं। यह धोखाधड़ी और पहचान की चोरी से बचाने में भी सहायक होगा। आपको अपनी क्रेडिट गतिविधियों पर बेहतर नियंत्रण और निगरानी का अधिकार मिलेगा।

ऋण अस्वीकृति का स्पष्ट कारण बताना होगा

नए नियमों के तहत यदि बैंक या वित्तीय संस्था आपके ऋण आवेदन को अस्वीकार करती है तो उसे आपको स्पष्ट और विस्तृत कारण बताना अनिवार्य होगा। पहले बैंक केवल यह कहकर आवेदन खारिज कर देते थे कि आपका सिबिल स्कोर कम है या आप पात्र नहीं हैं। लेकिन अब उन्हें बताना होगा कि वास्तव में किन कारणों से आवेदन ठुकराया गया है। क्या आपकी आय कम है, क्या पहले से बहुत अधिक ऋण है, क्या किसी ईएमआई में चूक हुई है या कोई और विशिष्ट कारण है। इस जानकारी से आप समझ सकेंगे कि आपको किन क्षेत्रों में सुधार करना है और फिर से आवेदन करने से पहले क्या कदम उठाने हैं। यह पारदर्शिता आपको अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद करेगी।

साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट

अब प्रत्येक व्यक्ति को साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट जिसमें सिबिल स्कोर भी शामिल है बिल्कुल मुफ्त में प्राप्त करने का अधिकार होगा। यह बहुत महत्वपूर्ण प्रावधान है क्योंकि अब तक क्रेडिट रिपोर्ट देखने के लिए शुल्क देना पड़ता था। अब आप साल में कम से कम एक बार बिना किसी खर्च के अपनी रिपोर्ट देख सकते हैं और जांच कर सकते हैं कि सब कुछ सही है या नहीं। यदि आप साल में एक से अधिक बार रिपोर्ट देखना चाहें तो अधिकतम सौ रुपये का शुल्क लिया जा सकता है जो बहुत उचित है। नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट देखना बहुत जरूरी है ताकि आप किसी भी गलती या त्रुटि को तुरंत पहचान सकें और उसे सुधरवा सकें।

डिफॉल्ट रिपोर्ट करने से पहले मिलेगा मौका

यह नया नियम उपभोक्ताओं के लिए बहुत राहत भरा है। यदि आपने किसी कारणवश कोई ईएमआई या किस्त समय पर नहीं चुकाई है तो बैंक या ऋणदाता को सीधे इसे डिफॉल्ट के रूप में रिपोर्ट नहीं करना होगा। पहले उन्हें आपको नोटिस देना होगा और तीस दिन का समय देना होगा। यदि आप इन तीस दिनों के भीतर बकाया राशि का भुगतान कर देते हैं तो यह डिफॉल्ट आपकी सिबिल रिपोर्ट में दर्ज नहीं किया जाएगा। यह प्रावधान उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो कभी-कभी भूल जाते हैं या किसी आपात स्थिति के कारण भुगतान में देरी हो जाती है। यह आपको अपनी गलती सुधारने का एक उचित अवसर देता है और आपके क्रेडिट इतिहास को खराब होने से बचाता है।

पहली बार ऋण लेने वालों के लिए राहत

नए नियमों में सबसे क्रांतिकारी बदलाव यह है कि अब यदि कोई व्यक्ति पहली बार ऋण ले रहा है और उसके पास कोई सिबिल स्कोर या क्रेडिट इतिहास नहीं है तो केवल इसी आधार पर उसे ऋण से वंचित नहीं किया जा सकता। आरबीआई ने स्पष्ट कर दिया है कि क्रेडिट इतिहास का अभाव अकेले ऋण अस्वीकृति का कारण नहीं बन सकता। बैंकों को अन्य मानदंडों जैसे आवेदक की आय, नौकरी की स्थिरता, बैंक खाते का रिकॉर्ड और पुनर्भुगतान क्षमता को भी देखना होगा। यह विशेष रूप से युवाओं और पहली बार ऋण लेने वालों के लिए बहुत बड़ी राहत है। पहले कई लोगों को सिबिल स्कोर न होने के कारण ऋण नहीं मिलता था लेकिन अब यह बाधा दूर हो गई है।

उपभोक्ताओं के लिए फायदे

इन नए नियमों से उपभोक्ताओं को कई तरह के फायदे होंगे। पारदर्शिता बढ़ेगी और आपको पता चलेगा कि आपकी क्रेडिट स्थिति क्या है। समय पर स्कोर अपडेट होने से आप तेजी से सुधार कर सकेंगे। पहली बार ऋण लेने वालों को अवसर मिलेगा। डिफॉल्ट रिपोर्ट करने से पहले नोटिस मिलने से आप अपनी गलती सुधार सकते हैं। ऋण अस्वीकृति के कारण जानने से आप भविष्य में बेहतर तैयारी कर सकेंगे। मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट से आप नियमित निगरानी रख सकेंगे। समग्र रूप से ये नियम क्रेडिट प्रणाली को अधिक उपभोक्ता अनुकूल बनाते हैं और आपके वित्तीय अधिकारों को सशक्त करते हैं।

बैंकों और संस्थाओं की जिम्मेदारी

नए नियमों के साथ बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की जिम्मेदारियां भी बढ़ गई हैं। उन्हें अब अधिक पारदर्शी होना होगा और हर निर्णय का स्पष्ट कारण बताना होगा। उन्हें समय पर सूचनाएं देनी होंगी और नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा। हालांकि इससे उनके लिए कुछ चुनौतियां भी हैं जैसे नई प्रक्रियाएं अपनानी होंगी और सिस्टम में बदलाव करने होंगे। बिना सिबिल स्कोर वाले लोगों को ऋण देने में उन्हें अधिक सावधानी बरतनी होगी। लेकिन समग्र रूप से ये बदलाव वित्तीय प्रणाली को मजबूत और भरोसेमंद बनाएंगे।

सिबिल स्कोर के नए नियम भारतीय वित्तीय व्यवस्था में एक सकारात्मक और स्वागत योग्य कदम हैं। ये उपभोक्ताओं को अधिक अधिकार देते हैं और प्रणाली को पारदर्शी बनाते हैं। हालांकि अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना अभी भी महत्वपूर्ण है। समय पर ईएमआई भरें, क्रेडिट कार्ड का जिम्मेदारी से उपयोग करें और अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित जांच करते रहें।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से तैयार किया गया है। सिबिल स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट से संबंधित नियमों में भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय द्वारा समय-समय पर बदलाव किए जा सकते हैं। किसी भी ऋण आवेदन या वित्तीय निर्णय लेने से पहले कृपया अपने बैंक, वित्तीय सलाहकार या सिबिल की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें। यह लेख किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह या गारंटी का प्रतिनिधित्व नहीं करता। व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार नियम भिन्न हो सकते हैं।

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