New Rules for Home Rent: देश में लाखों लोग अपनी संपत्ति को किराये पर देकर अतिरिक्त आय अर्जित करते हैं। लेकिन अब सरकार ने किराये की आय पर टैक्स को लेकर कुछ सख्त नियम लागू किए हैं जो मकान मालिकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन नए नियमों के तहत अब हर मकान मालिक को अपनी किराये से होने वाली आय को आयकर रिटर्न में सही तरीके से घोषित करना अनिवार्य हो गया है। यदि कोई मकान मालिक अपनी किराये की आय को छुपाता है या गलत जानकारी देता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। ये नियम दिसंबर 2024 से प्रभावी हो चुके हैं और अब सभी मकान मालिकों को इनका पालन करना होगा।
क्यों लाए गए नए नियम
सरकार ने यह कदम टैक्स चोरी को रोकने और राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए उठाया है। पहले कई मकान मालिक अपनी किराये की आय को छुपा लेते थे या कम दिखाते थे जिससे सरकार को उचित टैक्स नहीं मिल पाता था। कुछ मकान मालिक किराये का समझौता भी नहीं बनाते थे और नकद में पैसे लेते थे ताकि किराये की आय का कोई रिकॉर्ड न रहे। इससे टैक्स की चोरी होती थी। कुछ लोग किराये की वास्तविक राशि से कम राशि का समझौता बनाते थे। इन सभी गड़बड़ियों को रोकने के लिए सरकार ने नए और सख्त नियम बनाए हैं जो हर मकान मालिक को अपनी पूरी किराये की आय की घोषणा करने के लिए बाध्य करते हैं।
गृह संपत्ति से आय का क्या अर्थ है
आयकर कानून में गृह संपत्ति से आय एक विशेष श्रेणी है। जब कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को किराये पर देता है तो उससे प्राप्त आय को गृह संपत्ति से आय की श्रेणी में रखा जाता है। इस आय पर व्यक्ति को अपनी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है। पहले कई लोग इस आय को अन्य स्रोतों से आय में दिखा देते थे या बिल्कुल नहीं दिखाते थे। लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किराये से होने वाली हर आय को गृह संपत्ति से आय के रूप में ही दिखाना होगा। इसमें मासिक किराया, एडवांस पर मिलने वाला ब्याज और अन्य सभी प्रकार की आय शामिल है। यह नियम सभी प्रकार की संपत्तियों पर लागू होता है चाहे वह आवासीय हो या व्यावसायिक।
टैक्स रिटर्न में घोषणा अनिवार्य
अब वित्तीय वर्ष 2024-25 से आयकर रिटर्न भरते समय हर मकान मालिक को अपनी किराये की पूरी आय की सही जानकारी देनी होगी। रिटर्न में किराये दार का नाम, पता और पैन नंबर भी देना होगा यदि वार्षिक किराया एक निश्चित सीमा से अधिक है। संपत्ति का पूरा पता और उसकी वार्षिक किराया मूल्य भी दर्शानी होगी। यदि एक से अधिक संपत्तियां किराये पर दी गई हैं तो सभी की अलग-अलग जानकारी देनी होगी। किराये का समझौता और किराये की रसीदें सुरक्षित रखनी होंगी क्योंकि आयकर विभाग इन्हें मांग सकता है। यदि किसी ने गलत या अधूरी जानकारी दी तो उसे नोटिस मिल सकता है और जांच हो सकती है।
कर चोरी पर भारी जुर्माना
यदि कोई मकान मालिक अपनी किराये की आय को छुपाता है या गलत जानकारी देता है तो उस पर गंभीर कार्रवाई हो सकती है। आयकर विभाग को यह अधिकार है कि वह संदिग्ध मामलों की जांच करे। जांच में यदि टैक्स चोरी साबित होती है तो बकाया टैक्स के साथ-साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में यह जुर्माना बकाया टैक्स का दोगुना तक हो सकता है। इसके अलावा ब्याज भी वसूला जाता है जो काफी अधिक होता है। गंभीर मामलों में आपराधिक कार्रवाई भी हो सकती है। इसलिए हर मकान मालिक को चाहिए कि वह ईमानदारी से अपनी पूरी किराये की आय की घोषणा करे और समय पर टैक्स चुकाए।
मकान मालिकों को मिलने वाली छूट
हालांकि नियम सख्त हैं लेकिन सरकार ने मकान मालिकों को कुछ राहत भी दी है। किराये की सकल आय से कुछ खर्चों को घटाने की अनुमति है। संपत्ति कर जो आप नगर पालिका को देते हैं उसे घटाया जा सकता है। मरम्मत और रखरखाव के खर्च के लिए किराये की आय का तीस प्रतिशत मानक कटौती के रूप में स्वतः घट जाता है। यदि संपत्ि पर होम लोन है तो उसके ब्याज को भी आय से घटाया जा सकता है। इन सभी कटौतियों के बाद जो शुद्ध आय बचती है केवल उस पर टैक्स लगता है। उदाहरण के लिए यदि आपको वार्षिक किराया तीन लाख रुपये मिलता है तो पहले तीस प्रतिशत यानी नब्बे हजार रुपये मानक कटौती घटेगी। फिर संपत्ति कर और होम लोन ब्याज घटाया जाएगा। शेष राशि पर ही टैक्स देना होगा।
किराया समझौता बनाना जरूरी
किराये की संपत्ति पर नए टैक्स नियम सख्त जरूर हैं लेकिन ये देश की अर्थव्यवस्था और कर प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए जरूरी हैं। हर मकान मालिक को चाहिए कि वह ईमानदारी से अपनी पूरी आय की घोषणा करे और समय पर टैक्स चुकाए। उपलब्ध कटौतियों का लाभ लेकर टैक्स देनदारी को कानूनी रूप से कम किया जा सकता है। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में टैक्स देना हमारा कर्तव्य है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से तैयार किया गया है। किराये से होने वाली आय पर टैक्स के नियम जटिल हो सकते हैं और समय-समय पर बदल सकते हैं। सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए कृपया आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट incometaxindia.gov.in पर जाएं या किसी योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट से परामर्श लें। टैक्स रिटर्न भरते समय सभी नियमों का सही पालन करना अनिवार्य है। यह लेख किसी कानूनी या वित्तीय सलाह का स्थान नहीं लेता।