दीपावली के लिए आज से मंडी में बढ़ेगी सोयाबीन आवक

Saroj kanwar
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किसान भावांतर लाभ के लिए मंडी में सोयाबीन का विक्रय कम कर रहे हैं लेकिन सोमवार से आवक बढ़ने के चांस दीपावली नजदीक होने से बताए जा रहे हैं। भावांतर खरीदी का मुहूर्त दीपावली बाद 24 अक्टूबर को होगा। किसानों को दीपावली की त्योहारी खरीदी के साथ खाद-बीज खरीदना जरूरी है।

ऐसे में तीन से चार करोड़ रुपए की सोयाबीन बिक्री के अनुमान उज्जैन मंडी के लगाए गए हैं। इधर विदेश में सोयाबीन में 100 रुपए की भाव गिरावट आने से मंडी नीलाम 50 रुपए नीचे भाव वाला रह सकता है। सभी कृषि उपज मंडियों में आवक का प्रेशर भी रहेगा। किसान करण सिंह पटेल के अनुसार किसान दीपावली के पहले अपनी सोयाबीन काटने में जुटे हुए हैं। देखा जाए तो 70% सोयाबीन किसान काट चुके हैं, 30% शेष रह गई यह भी भावांतर शुभारंभ के पूर्व काट ली जाएगी। मंडी कारोबारी अमर अग्रवाल ने बताया सोयाबीन के भाव में कोई खास तेजी की स्थिति नहीं बन रही है।

विदेश में सोयाबीन के भाव लगातार नीचे जाने से भाव वृद्धि के आसार कमजोर हैं। यह जरूर कि किसानों को भावांतर का लाभमिलेगा तो भाव किसान के लिए अच्छे साबित हों। इधर भावांतर से किसानों के भाव की रिस्क तो समाप्त ही समझी जा रही है। समर्थन दाम 5328 के नजदीक भावांतर लाने के लिए प्रयास किया गया।

हालांकि एफएक्यू एवरेज क्वालिटी का सोयाबीन के मॉडल रेट भी निकाले जाएंगे। ऐसे में किसानों को भावांतर से लाभ ही लाभ मिलने वाला है, ऐसा बताया गया है। इधर मंडी प्रशासन को भावांतर के दौरान अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। कृषि उपज मंडियों में अनेक विभाग के अधिकारियों का निरीक्षण होगा। ऐसे में मंडी में फैली गंदगी को दीपावली पूर्व साफ कर नियमित सफाई के आदेश के साथ इन पर निगरानी के लिए दायित्व भी मंडी अधिकारियों को दिए जाने की खबर है। इधर बताया गया है कि मंडी कर्मचारियों की पहचान के लिए ड्रेस कोड भी लागू होगा।

देखना है अब इस पर कितना कार्य होता है, क्योंकि पहली बार कृषि उपज मंडियां विभिन्न विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण से भरी रहेगी। ऐसे में मंडी की अव्यवस्था और लापरवाही को बड़ी गंभीरता से लिए जाने की खबर है, क्योंकि भावांतर किसानों के लिए एक पारदर्शी व्यवस्था के तहत ही करना होगा। इसमें कहीं खामियां मिली तो इसकी जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। क्योंकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए कृषि उपज मंडियों में पर्याप्त व्यवस्था के साथ अधिकारियों के भ्रमण की और किसानों को समस्या नहीं आए, इसके लिए इनकी तैनाती की है।

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