किसानों के लिए योजनाएं: पीएम किसान की 21वीं किस्त से पहले 2 नई योजनाएं शुरू

Saroj kanwar
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किसानों के लिए योजनाएँ: किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में, वह दो नई योजनाओं की शुरुआत करेगी। कई राज्यों में ये योजनाएँ पीएम किसान सम्मान निधि से पहले शुरू होंगी। हालाँकि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त चार राज्यों: पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के किसानों के खातों में पहले ही जमा हो चुकी है।

चूँकि हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ के कारण इन क्षेत्रों को काफी नुकसान हुआ है, इसलिए धनराशि पहले जारी की गई। अन्य राज्यों के किसानों के लिए भी जल्द ही धनराशि जमा की जाएगी। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को दिल्ली के पूसा क्षेत्र में एक कार्यक्रम में दो नई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। ये हैं “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” और “दलहन आत्मनिर्भर मिशन”। ​​मंत्री ने कहा कि दोनों योजनाओं से किसानों की आय बढ़ाने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।


धन-धान्य योजना के उद्देश्य


शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश भर में फसल उत्पादकता एक समान नहीं है। उन्होंने कहा कि कम उत्पादकता वाले जिलों की पहचान की जाएगी और उत्पादकता बढ़ाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएँगे। यह योजना सिंचाई, भंडारण सुविधाओं, ऋण सुविधाओं और फसल विविधीकरण जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक चरण के लिए 100 जिलों का चयन किया गया है।

दलहन मिशन का महत्व


केंद्रीय मंत्री के अनुसार, यद्यपि देश दलहन का एक प्रमुख उत्पादक है, फिर भी यह आयात पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान दलहन उत्पादन 24.2 मिलियन टन है और इसे बढ़ाकर 35 मिलियन टन करने का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि दलहन फसलों के लिए उच्च उपज देने वाले, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों को 12.6 मिलियन क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित किए जाएँगे और 8.8 मिलियन निःशुल्क बीज किट प्रदान किए जाएँगे।


उन्होंने कहा कि दलहन उत्पादक क्षेत्रों में प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने से किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त होंगे। इसके लिए 1,000 प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी, जिन पर प्रति इकाई 25 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। कार्यक्रम में कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से संबंधित परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी शामिल होगा।

मंत्री ने कहा कि ये दोनों योजनाएँ किसानों की उत्पादकता बढ़ाने, आय वृद्धि और आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण होंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य “एक राष्ट्र – एक कृषि – एक टीम” के सिद्धांत पर मिलकर काम करेंगे। कुल मिलाकर, सरकार किसानों के भविष्य को बेहतर बनाने और देश को खाद्य आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने के उद्देश्य से इन नए कार्यक्रमों की शुरुआत करेगी।

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