लड़की बहिन योजना: सरकार ने जारी किए नए नियम, लाभ लेने से पहले जान लें ये नई शर्तें

Saroj kanwar
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लड़की बहन योजना: महाराष्ट्र सरकार की “मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना” ने लाखों महिलाओं को आर्थिक मदद पहुँचाई है। हालाँकि, अब सरकार को आशंका है कि कुछ लोग इस योजना का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए नियमों में बदलाव किया गया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले केवल महिला लाभार्थी की आय को ही ध्यान में रखा जाता था। हालाँकि, अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि विवाहित महिलाओं को अपने पति के लिए ई-केवाईसी और अविवाहित महिलाओं को अपने पिता के लिए ई-केवाईसी करवाना होगा। अगर किसी महिला और उसके पति या पिता की कुल वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक है, तो उन्हें इस योजना से बाहर रखा जाएगा।

यह निर्णय क्यों लिया गया?
सरकार का कहना है कि कई महिलाएँ घरेलू काम करती हैं या छोटे-मोटे काम करती हैं, जिससे उनकी आय कम दिखाई देती है, जबकि उनके पति या पिता ज़्यादा कमाते हैं। ऐसे में, योजना का लाभ वास्तविक ज़रूरतमंदों तक नहीं पहुँच पा रहा है।

ई-केवाईसी कैसे करें?
सरकार ने इसके लिए एक आधिकारिक वेबसाइट https://ladakibahin.maharashtra.gov.in/ekyc बनाई है।
वेबसाइट पर एक फ़ॉर्म खुलेगा, उसमें अपना आधार नंबर डालें, नीचे दिए गए कैप्चा कोड को ध्यान से भरें और फिर ‘Send OTP’ पर क्लिक करें।
आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। इसे फ़ॉर्म में दर्ज करें, फिर ‘Submit’ पर क्लिक करें।
अगर आपका केवाईसी पूरा नहीं हुआ है, तो अगला पेज खुलेगा। यहाँ आपको अपने पति (यदि विवाहित हैं) या पिता (यदि अविवाहित हैं) का आधार नंबर दर्ज करना होगा। फिर, उसी ओटीपी प्रक्रिया को दोहराएँ।
अब अपनी जाति चुनें और एक घोषणापत्र भरें जिसमें लिखा हो कि परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी या पेंशन प्राप्त नहीं कर रहा है। परिवार में केवल एक विवाहित महिला और एक अविवाहित महिला ही इस योजना का लाभ उठा रही हैं।
सभी विवरण सही-सही भरने के बाद, स्क्रीन पर “सफल – आपका ई-केवाईसी सफलतापूर्वक पूरा हो गया है” संदेश दिखाई देगा।
ई-केवाईसी क्यों ज़रूरी है?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि ई-केवाईसी महज़ एक औपचारिकता नहीं है। इसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि कौन वास्तव में इस योजना के लिए पात्र है और कौन नहीं। पहले, धनराशि केवल महिला के नाम पर ही हस्तांतरित की जाती थी, लेकिन अक्सर देखा गया है कि वास्तविक ज़रूरतमंदों के बजाय, फर्जी नामों को लाभ मिल रहा था।

अब चूँकि पति या पिता की जानकारी भी मांगी जा रही है, इसलिए परिवार की कुल आय का सही-सही आकलन करना आसान हो जाएगा। इसके अलावा, अब हर महिला को हर साल अपने दस्तावेज़ अपडेट करने होंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मदद सही खाते में पहुँचे और कोई भी इसका अनुचित लाभ न उठा सके।

महिलाओं को क्या सीधा लाभ मिलेगा?
जो महिलाएं अपना ई-केवाईसी पूरा करती हैं और योजना के मानदंडों को पूरा करती हैं, उन्हें उनके बैंक खातों में हर महीने ₹1,500 का सीधा हस्तांतरण मिलता है। इससे घर का खर्च आसान हो जाता है और महिलाओं को अपनी ज़रूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

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