इंतज़ार खत्म! नई साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म ‘फाइनल डेस्टिनेशन ब्लडलाइन्स’ अब OTT पर स्ट्रीमिंग, यहां देखें प्लेटफॉर्म

Saroj kanwar
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फ़ाइनल डेस्टिनेशन अब ऑनलाइन स्ट्रीमिंग पर – मौत से भागना… अप्रत्याशित को चकमा देना… और ज़िंदगी की जंग जीतने के लिए प्रकृति की इच्छा को चुनौती देना! यही वो रोमांच है जिसने “फ़ाइनल डेस्टिनेशन” हॉरर फ्रैंचाइज़ी को पिछले 25 सालों से फ़िल्म प्रेमियों के दिलों-दिमाग़ पर कब्ज़ा करने पर मजबूर कर दिया है। यह सिर्फ़ एक फ़िल्म सीरीज़ नहीं है, बल्कि एक अलौकिक रूप से भयावह सफ़र है जहाँ मौत ख़ुद शिकार करने आती है।

इस फ्रैंचाइज़ी की पहली फ़िल्म, जो 2000 में रिलीज़ हुई थी, ने सभी को डरा दिया था। और अब, मई 2025 में, सीरीज़ की छठी और सबसे नई फ़िल्म, “फ़ाइनल डेस्टिनेशन: ब्लडलाइन्स”, सिनेमाघरों में धमाकेदार एंट्री मार रही है।

रोंगटे खड़े कर देने वाले, खौफनाक दृश्यों ने सिनेमाघरों में लोगों की चीखें निकलवा दीं। और नतीजा? इस फ़िल्म ने दुनिया भर के बॉक्स ऑफिस पर ₹2430.16 करोड़ (करीब $291.6 मिलियन) की शानदार कमाई की। अब, यह हॉरर ब्लॉकबस्टर आपके ओटीटी स्क्रीन पर आतंक मचाने आ रही है!

‘ब्लडलाइन्स’ का खूनी डीएनए: इसके पीछे कौन है?
इस भयावह यात्रा को ज़ैक लिपोव्स्की और एडम बी. स्टीन ने जीवंत किया है। इसकी जटिल और जानलेवा कहानी गाय बुसिक और ग्रेग बर्लेंटी ने लोरी इवांस टेलर के साथ मिलकर लिखी है। कहानी की अवधारणा जॉन वॉट्स द्वारा तैयार की गई थी और बुसिक, इवांस और टेलर ने इसे आगे बढ़ाया।
यह छठी फिल्म लगभग ₹443 करोड़ (लगभग 53.1 मिलियन डॉलर) के भारी-भरकम बजट पर बनी थी। इसने भारत में भी ज़बरदस्त प्रभाव डाला और ₹63.18 करोड़ (लगभग 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की शुद्ध कमाई की। यह आँकड़ा दर्शाता है कि इस हॉरर फ्रैंचाइज़ी का भारत में भी अच्छा-खासा प्रभाव है!

‘ब्लडलाइन्स’ की कहानी: जब मौत एक बेपरवाह पीढ़ी की माँग करती है
इस हॉरर थ्रिलर में कैटलिन सांता जुआना, टियो ब्रियोन्स, रिचर्ड हार्मन, ओवेन पैट्रिक जॉयनर, एना लोर, ब्रेक बैसिंगर और हॉरर लीजेंड टोनी टॉड मुख्य भूमिका में हैं। कहानी कॉलेज की छात्रा स्टेफ़नी रेयेस की है, जिसे अपनी बीमार दादी, आइरिस से 1968 का एक भयावह अतीत विरासत में मिलता है।

1968 में, आइरिस और उसका प्रेमी पॉल ‘स्काई व्यू’ नामक एक ऊँचे रेस्टोरेंट टावर के उद्घाटन में शामिल हुए। अचानक, आइरिस को एक भयानक पूर्वाभास हुआ कि टावर गिरने वाला है और सभी की मौत हो जाएगी। आइरिस की चेतावनी पर ध्यान देते हुए, कई लोग टावर से भाग निकलते हैं। लेकिन ऐसा करके वे मौत की असली योजना को नाकाम कर देते हैं।

55 साल बाद… मौत दस्तक दे रही है!
पचास साल बाद, स्टेफ़नी को टल गई आपदा के बारे में बुरे सपने आने लगते हैं। व्याकुल होकर, वह जवाब ढूँढ़ने के लिए घर लौटती है, जहाँ उसकी दादी, आइरिस, कैंसर से जूझ रही हैं। फिर आइरिस अपनी पोती को मौत से बचने की पूरी कहानी बताती है। और फिर एक भयावह सच्चाई: मौत उन बचे हुए लोगों को ठीक उसी क्रम में मारना शुरू कर देती है जिस क्रम में उन्हें टावर में मरना तय था!

आइरिस की मौत हो जाती है। नियति के अनुसार, उसे 1968 में मरना था, लेकिन उसके भागने के कारण, उसका पूरा परिवार, जिसका कभी जन्म ही नहीं होना चाहिए था, अब मौत के निशाने पर है। क्या स्टेफ़नी अपने परिवार को मौत के इस घातक खेल से बचा पाएगी? जानने के लिए आपको यह फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए!

ओटीटी रिलीज़ की तारीख: कब और कहाँ होगा यह खौफनाक मंज़र?
हॉरर के दीवाने, तैयार हो जाइए! ओटीटी प्लेटफॉर्म जियोसिनेमा (पहले जियोहॉटस्टार) ने इंस्टाग्राम पर फिल्म की डिजिटल स्ट्रीमिंग की घोषणा की है।

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