7वां वेतन आयोग: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने दिवाली से पहले राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने महंगाई भत्ते (डीए) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है, यानी अब सातवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ता (डीए) वेतन के 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया है। सरकार के इस फैसले से लगभग 8 लाख कर्मचारी और 4 लाख 40 हजार पेंशनभोगी प्रभावित होंगे, यानी कुल 12 लाख 40 हजार लाभार्थी।
1 जुलाई से लागू होगा महंगाई भत्ता
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के तुरंत बाद राज्य स्तर पर महंगाई भत्ते का फैसला लागू कर दिया गया था। पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारियों को भी इस बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अक्टूबर 2025 के वेतन में नकद भुगतान के रूप में दिया जाएगा। पेंशनभोगियों को 1 जुलाई 2025 से बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता मिलेगा, जबकि कर्मचारियों को 1 जुलाई से 30 सितंबर तक तीन महीने की अतिरिक्त राशि सीधे उनके जीपीएफ खातों में जमा करके मिलेगी।
गौरतलब है कि बढ़े हुए महंगाई भत्ते के लागू होने के बाद राज्य सरकार पर सालाना 1,230 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिया जाने वाला एक अतिरिक्त भत्ता है, जिसकी गणना देश में बढ़ती मुद्रास्फीति के मद्देनजर अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (एआईसीपीआई) के आधार पर की जाती है। महंगाई भत्ते में वृद्धि का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना है।
केंद्र सरकार, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि करती है, जबकि राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार के अनुरूप महंगाई भत्ते में वृद्धि करती हैं। महंगाई भत्ते को शुरुआत में मार्च में बढ़ाकर 55 प्रतिशत किया गया था, जो 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी है। अब इसे सितंबर में बढ़ाकर 58 प्रतिशत कर दिया गया है, जो 1 जुलाई, 2025 से प्रभावी है।