मरीजों के लिए अच्छी खबर: अस्पतालों में कैशलेस स्वास्थ्य बीमा उपचार की सुविधा वापस

Saroj kanwar
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देश भर के लाखों मरीज़ों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। अस्पतालों के संगठन AHPI ने बजाज आलियांज और केयर हेल्थ इंश्योरेंस के पॉलिसीधारकों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा पर लगी रोक हटा दी है। इसका मतलब है कि अब मरीज़ पहले की तरह अस्पतालों में बिना पैसे दिए सीधे बीमा के ज़रिए इलाज करा सकेंगे।

कुछ दिन पहले खबर आई थी कि बजाज आलियांज और केयर हेल्थ इंश्योरेंस जैसी कुछ बड़ी कंपनियों ने अपने पॉलिसीधारकों के लिए कैशलेस क्लेम की सुविधा बंद कर दी है, जिससे लाखों लोग चिंतित थे। लेकिन अब ‘नो कैशलेस क्लेम’ का संकट टल गया है और इन दोनों कंपनियों के ग्राहकों के लिए एक राहत भरी खबर है।

क्यों शुरू हुआ विवाद।

एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (AHPI), जिसमें देश के कई बड़े अस्पताल शामिल हैं, ने आरोप लगाया था कि बजाज आलियांज और केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां समय पर दावों का भुगतान नहीं कर रही हैं और बेहद कम पैकेज दरें दे रही हैं। अस्पतालों का कहना था कि इलाज का खर्च बढ़ गया है, लेकिन बीमा कंपनियां पुरानी और कम दरों पर भुगतान कर रही हैं, जिससे अस्पतालों को घाटा हो रहा है।

AHPI ने क्यों लगाया प्रतिबंध
इन शिकायतों पर दबाव बनाने के लिए, AHPI ने बजाज आलियांज और केयर पॉलिसीधारकों के लिए कैशलेस क्लेम की सुविधा को अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला किया था। इसका मतलब था कि मरीज को इलाज के समय पूरी रकम अपनी जेब से चुकानी पड़ती थी और बाद में बीमा कंपनी से प्रतिपूर्ति का दावा करना पड़ता था। यह खबर आते ही लाखों पॉलिसीधारकों और उनके परिवारों में दहशत फैल गई।

समस्या का समाधान कैसे हुआ?

विवाद बढ़ने के बाद, बीमा कंपनियों और एएचपीआई के बीच कई दौर की बातचीत हुई। अस्पतालों की चिंताओं को समझते हुए, बीमा कंपनियों ने कुछ भुगतान शर्तों और दरों पर सहमति व्यक्त की। इसके बाद, एएचपीआई ने अपना निलंबन वापस ले लिया और कहा कि कैशलेस सुविधा पहले की तरह जारी रहेगी।

अब, बजाज आलियांज और केयर हेल्थ इंश्योरेंस के ग्राहक पहले की तरह अपना बीमा कार्ड या पॉलिसी विवरण दिखाकर अस्पतालों में कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकेंगे। इससे मरीजों पर अचानक अपनी जेब से खर्च करने का दबाव नहीं पड़ेगा और इलाज की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चलती रहेगी।

यह निर्णय दर्शाता है कि मरीजों के हित में, दोनों पक्ष बातचीत के माध्यम से समझौता करने में सफल रहे हैं।

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