राशन कार्ड: राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार कई बड़े नियम बना रही है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग 46 लाख से ज़्यादा संदिग्ध राशन कार्ड धारकों का सत्यापन कर रहा है। एक अहम खुलासा यह हुआ है कि राज्य में कई राशन कार्ड धारकों की मृत्यु हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घर छोड़कर भी जा चुके हैं।
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, 53,234 लोगों के नाम राशन कार्ड से हटाए जाएँगे। इनमें रायपुर के 9,233 लोग शामिल हैं। इसके अलावा, 6 लाख रुपये से ज़्यादा वार्षिक आय वाले, करदाता और 5 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन के मालिकों के नाम भी हटाए जाएँगे।
इनमें रायपुर ज़िले के 19,574 लोग शामिल हैं। इसके अलावा, भौतिक सत्यापन के बाद पता चला कि इनमें से कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावा, कई लोग राज्य छोड़कर भी जा चुके हैं।
कितने राशन कार्ड हटाए गए हैं?
यह जानकर हैरानी होगी कि विभाग ने राज्य भर के राशन कार्डों से 1,93,063 सदस्यों के नाम पहले ही हटा दिए हैं। इनमें से 19,574 सदस्य रायपुर ज़िले के थे। इसके अलावा, भौतिक सत्यापन के दौरान पता चला कि इनमें से ज़्यादातर सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है और कई राज्य छोड़ चुके हैं।
केंद्र सरकार ने ई-केवाईसी के समय उचित मूल्य राशन दुकान के कार्डधारकों को जानकारी उपलब्ध कराई थी। इसके अलावा, 46 से ज़्यादा मृतक सदस्य जिन्होंने ई-केवाईसी पूरा नहीं किया था, संदिग्धों की सूची में शामिल थे।
इन लोगों के कार्ड रद्द किए जाएँगे।
विभाग घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन कर रहा है। शेष सदस्यों के नाम राशन कार्डों से हटाने के बाद, विभाग उन सदस्यों के नाम और राशन कार्ड रद्द करने की कार्रवाई करेगा। जिनकी वार्षिक आय ₹6 लाख (लगभग ₹6 लाख) से अधिक है और जो करदाता हैं, उनके राशन कार्ड रद्द किए जाएँगे।
इसके अलावा, जिनके पास 5 एकड़ से अधिक ज़मीन है, उनके भी कार्ड हटा दिए जाएँगे। विभाग इसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारियाँ भी कर रहा है। खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि रायपुर जिले के 19,000 से ज़्यादा सदस्यों के नाम राशन कार्डों से हटा दिए गए हैं। नौ हज़ार लोग बचे हैं। इन नामों के हटने के बाद, नियमानुसार आगे भी निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।