Gold Price Today: 24K, 22K और 18K सोना-चांदी हुआ सस्ता

Saroj kanwar
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त्योहारी सीजन से पहले भारत में सोना और चांदी की कीमतों में इस बार काफी हलचल देखने को मिल रही है। बीते कुछ हफ्तों में जहां अचानक तेजी आई थी, वहीं अब सितंबर के अंत में भारी गिरावट ने निवेशकों और आम खरीददारों को राहत दी है। आर्थिक अस्थिरता, अंतरराष्ट्रीय बाजार में परिवर्तन और लोकल डिमांड की वजह से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।

भारत में शादी-ब्याह, पूजा और निवेश के लिहाज से सोना-चांदी हमेशा आकर्षण का केंद्र रहे हैं। आमतौर पर नवरात्रि और दीवाली के दौरान इनकी खरीददारी सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में जब कीमतें नीचे आती हैं, तो खरीददारों के लिए शानदार मौका बन जाता है।

इस समय जब सोने-चांदी के दाम गिर रहे हैं तो ग्रामीण और शहरी क्षेत्र, दोनों में ही दुकानों पर लोगों की भीड़ नजर आ रही है। यह गिरावट ना सिर्फ निवेशकों को बल्कि छोटे-बड़े गहनों की खरीदी करने वालों के लिए भी फायदे का सौदा साबित हो रही है।

24K, 22K और 18K सोने-चांदी के ताजा भाव

अगर ताजा भाव की बात करें तो भारत की प्रमुख मंडियों जैसे दिल्ली, मुंबई और जयपुर में सोने और चांदी के रेट में पिछले दिनों की तुलना में अच्छी खासी गिरावट आई है। इस दिन 24 कैरेट सोना करीब 1,12,150 रु. से 1,12,730 रु. प्रति 10 ग्राम के बीच मिलने लगा है। वहीं 22 कैरेट सोना यानी जो सबसे ज्यादा गहनों में इस्तेमाल होता है, उसकी कीमत लगभग 1,02,700 रु. से 1,03,350 रु. प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।

18 कैरेट सोने की बात करें तो यह करीब 84,100 रु. के आसपास प्रति 10 ग्राम बिक रहा है। दूसरी ओर, चांदी में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है और इसका ताजा रेट कुछ बाजारों में 1,32,000 रु. से 1,38,000 रु. प्रति किलो के बीच है।

यह गिरावट सिर्फ एक-दो दिन की नहीं, बल्कि बीते हफ्ते में कीमतों में लगातार सुधार और फिर गिरावट का असर है। इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग में कमी, डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल सहित आर्थिक हालात में बदलाव है।

दाम में गिरावट के मुख्य कारण

विश्व अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती और ब्याज दरों में बदलाव का सीधा असर सोने-चांदी की कीमतों पर पड़ता है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती, जियोपॉलिटिकल घटनाएं और कुछ बड़े देशों द्वारा सोने के रिजर्व में कटौती जैसी वजहों से भी दाम नीचे आते हैं।

त्योहारी मांग कम होने और घरेलू बाजार में कम निवेश सेभी कीमतें घट जाती हैं। सरकार द्वारा जीएसटी रेट में बदलाव का भी थोड़ा असर इन रेट्स पर देखने को मिलता है, लेकिन मुख्य कारण एक्सचेंज रेट्स, डिमांड-सप्लाई और विदेशी ट्रेडिंग ही होते हैं।\

सोना-चांदी से जुड़े सरकारी नियम और मौजूदा स्कीम

सरकार सोने-चांदी की खरीदी और निवेश को सुरक्षित और ट्रैक करने के लिए कई नियम लागू करती है। सोने खरीदने पर जीएसटी @ 3% चुकाना होता है। इसके अलावा सरकार “Gold Bonds Scheme” (सोवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना) जैसे विकल्प भी देती है, जिसमें निवेशक डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं और फिक्स्ड ब्याज भी मिलता है।

2015 में शुरू हुई “Sovereign Gold Bond Scheme” के तहत लोग सोने में निवेश करके ब्याजका फायदा भी ले सकते हैं और बाजार भाव बढ़ने पर नगद पैसा निकाल सकते हैं। इसी तरह “Gold Monetisation Scheme” (सोना मुद्रीकरण योजना) के तहत घर या लॉकर में रखा सोना बैंकों में जमा कर सकते हैं और सालाना ब्याज कमा सकते हैं।

यह योजना न सिर्फ निवेश सुरक्षित बनाती है बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ाती है। सोना-चांदी के दामों में गिरावट के समय इन स्कीमों में निवेश का भी बढ़िया मौका होता है।

आम जनता के लिए फायदा

कीमतों में गिरावट से सबसे बड़ा फायदा आम खरीददार और निवेशकों को मिलता है। त्योहार, शादी और अन्य आवश्यक आयोजनों के लिए सोने-चांदी की खरीदी का सबसे अच्छा समय यही होता है, जब रेट कम चल रहे हों।

इन हालात में ग्रामीण और शहरी दोनों ग्राहक अपने बजट के अनुसार सोना-चांदी खरीदकर भविष्य के लिहाज से संपत्ति सुरक्षित कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सितंबर 2025 में सोना-चांदी के दामों में आई गिरावट निवेशकों और आम ग्राहकों के लिए सुनहरा मौका है। 24K, 22K व 18K सभी कैरेट के रेट पहले से नीचे आए हैं, जिससे बाजार में खरीदारी का माहौल है। सरकार की स्कीमों का लाभ उठाकर सुनियोजित निवेश करना आज के समय में सुरक्षित और फायदेमंद साबित हो सकता है।

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