बारिश ने काटा सोयाबीन की पैदावार का सुहाना मौसम, गुणवत्ता और उत्पादन पर संकट

Saroj kanwar
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Dhaar News: क्षेत्र में सोयाबीन की कटाई के बीच अचानक हुई दो दिन की जोरदार बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बारिश से खेतों में कटी हुई सोयाबीन भीग गई है, जिससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित होने का खतरा बढ़ गया है। साथ ही जो फसल पककर खड़ी थी, उसे भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। खरीफ सीजन में पहले ही सोयाबीन की फसल को वायरस और पीला मोजेक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा था, अब कटाई के समय हुई बारिश किसानों की चिंता और बढ़ा रही है।

किसान नरसिंह हामड़ ने बताया कि खेतों में पानी भर जाने से सोयाबीन सड़ने का खतरा बढ़ गया है। विष्णु पंवार, केकडिया डामोर और समंदर सिंह पटेल ने कहा कि पहले ही पैदावार उम्मीद से कम रही थी। बारिश के चलते दाने में नमी बढ़ने से फसल की ऊपरी परत खराब होने का डर है, जिससे मंडी में उचित दाम मिलने में मुश्किल होगी।

बारिश का असर केवल सोयाबीन पर ही नहीं, बल्कि बागवानी की फसलों पर भी पड़ा है। खेतों में फूलों की फसल भी खराब हो रही है। गेंदे के फूलों की खराब स्थिति और आवक कम होने के कारण दाम भी बढ़ गए हैं।

किसान भंवरसिंह राठौर ने बताया कि पीला मोजेक वायरस और बारिश के कारण पैदावार में गिरावट आई है। जहां तीन से चार क्विंटल उत्पादन की उम्मीद थी, वहां एक बीघा में केवल एक से डेढ़ क्विंटल पैदावार हुई है। इससे किसानों पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है। उत्पादन लागत निकालना पहले ही मुश्किल था और अब बची हुई उपज भी खराब होने की स्थिति में है।

किसानों की उम्मीद अब सरकार की ओर है। वे चाहते हैं कि समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीदी जल्द शुरू हो ताकि उन्हें उचित मूल्य मिल सके और आर्थिक संकट से राहत मिले।

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