Tenancy Law: मकान मालिकों के हक में दिल्ली हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, किरायेदारों को तगड़ा झटका

Saroj kanwar
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Tenancy Law : दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने हाल ही में किरायेदारी कानून (Tenancy Law) से जुड़ा एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जिससे पूरे देश के मकान मालिकों (Landlords) को राहत और किरायेदारों (Tenants) को झटका लगा है. यह फैसला खासतौर पर उन मामलों में लागू होगा, जहां किरायेदार लंबे समय से किराया नहीं दे रहे हैं या अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं.

इस निर्णय ने किरायेदारी विवादों (Tenancy Disputes) को लेकर चल रही कई गलतफहमियों को भी दूर किया है. आइए जानते हैं दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले की अहम बातें और इसका मकान मालिक व किरायेदारों पर क्या असर होगा?

क्या है मामला?

दिल्ली हाई कोर्ट में एक केस दाखिल किया गया था जिसमें मकान मालिक ने दावा किया कि किरायेदार पिछले कई महीनों से किराया नहीं दे रहा था और न ही संपत्ति खाली कर रहा था. मकान मालिक ने कई बार नोटिस भेजने के बावजूद किरायेदार ने जवाब नहीं दिया.

मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने माना कि किरायेदार का यह रवैया अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन है और इससे मकान मालिक को आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसलिए कोर्ट ने किरायेदार को तुरंत संपत्ति खाली करने का आदेश दिया.

हाई कोर्ट का अहम फैसला

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने पैसे में कहा है कि यदि कोई भी किराएदार लगातार किराया नहीं दे रहा है और रेंट एग्रीमेंट का उल्लंघन कर रहा है तो ऐसी स्थिति में मकान मालिक को किराएदार को घर से निकलने का पूरा अधिकार है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारत सरकार के द्वारा जो भी कानून किराएदार की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं. इसका मतलब ही नहीं है.इसका दुरुपयोग कर मकान मालिक का हक छीना जा सके.

किरायेदारों के लिए तगड़ा झटका

दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जो पैसा दिया गया है उसे फैसले का असर सभी किराएदार पर पड़ेगा.आपको बता दें कि यदि आप भी कई सालों से कम किराए पर मकान पर कब्जा जमा कर बैठे हैं और किराया देने में आप आनाकानी कर रहे हैं तो अब आपके मकान मालिक कोर्ट के जरिए घर से बेदखल कर सकता है.

यह फैसला उन किरायेदारों के लिए बड़ा झटका है जो सालों से कम किराए पर मकान पर कब्जा जमाए बैठे हैं और किराया देने में लापरवाही करते हैं. अब मकान मालिक कोर्ट में जाकर ऐसे किरायेदारों को जल्द बेदखल करवा सकते हैं. इसके अलावा, कोर्ट ने कहा कि किरायेदार का मकान मालिक की सहमति के बिना आप कोर्ट में case नहीं कर पाएंगे.

मकान मालिकों को मिला कानूनी बल

हाई कोर्ट के इस फैसले से मकान मालिकों को एक प्रकार का विशेष लाभ मिलने वाला है क्योंकि उनको इसके द्वारा अपने संपत्ति के अधिकारों की रक्षा करने में आसानी होगी और अगर कोई भी किराएदार किराया नहीं दे रहा है. तब मकान मालिक को उसके ऊपर कोर्ट में case करने का अधिकार मिल जाएगा. इसके अलावा कोर्ट में उनके मामले की सुनवाई भी जल्दी होगी. हाई कोर्ट का या फैसला उन सभी किराएदारों के लिए झटका है जो किराया देने में लापरवाही कर रहे हैं.

Tenancy Law से जुड़ा दिल्ली हाई कोर्ट का यह फैसला मकान मालिकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है. अब यदि कोई किरायेदार अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करता है या किराया नहीं देता, तो मकान मालिक कानूनी कार्रवाई कर तुरंत संपत्ति वापस ले सकता है. यह फैसला स्पष्ट संकेत देता है कि किरायेदारी कानून का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोनों पक्षों को अनुबंध की शर्तों का ईमानदारी से पालन करना होगा.

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