बिजली की कमी से परेशान ग्रामीण, निजी खर्च से चला रहे बिजली

Saroj kanwar
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Dhaar News: अलीराजपुर जिले के उदयगढ़ विकासखंड की ग्राम पंचायत टोकरिया झीरण में कई सालों से बिजली नहीं पहुंची है। पुजारा, गणावा, भयड़िया और तड़वी फलियों के आदिवासी परिवार अपनी ही जमीन पर रबी और खरीफ की फसल नहीं उगा पा रहे हैं, क्योंकि सिंचाई के लिए बिजली नहीं है। मजबूरन उन्हें अपनी फसल छोड़कर मजदूरी करनी पड़ती है।

ग्रामीणों ने निजी खर्च पर बिजली का जुगाड़ किया है। वे बांस और बल्लियों के सहारे दो किमी दूर से तार खींचकर खेतों और झोपड़ियों तक बिजली पहुंचा रहे हैं। इस तरह की व्यवस्था में अक्सर तार टूट जाते हैं या चोरी हो जाते हैं। जितनी बिजली आती है, वह केवल एक फेज की होती है, जिससे मोबाइल चार्ज करना भी मुश्किल हो जाता है। कलिसिंह और नाहरू जैसे ग्रामीणों ने बताया कि पर्याप्त पानी होने के बावजूद बिना बिजली के गेहूं और चना जैसी फसल उगाना असंभव है।

तड़वी फलिया में सालों पुरानी डीपी लगी है, लेकिन लोड अधिक होने के कारण अक्सर बंद रहती है। नए पंचायत भवन के निर्माण के लिए 8 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की गई और 20 सीमेंट के खंभे लाकर रखे गए, लेकिन अब तक उनका उपयोग नहीं हो सका और ये सड़क किनारे पड़े हैं। इसके बावजूद ग्रामीणों से हर साल बिजली विभाग द्वारा बिल वसूला जाता है।

इस समस्या का समाधान करने के लिए इस वर्ष जिले की 202 पंचायतों तक विद्युतीकरण विस्तार की स्वीकृति दी गई है। इसमें सोंडवा विखं की 56 पंचायत, आलीराजपुर की 44, कट्ठीवाड़ा की 20, चंद्रशेखर आजाद नगर की 25, जोबट की 35 और उदयगढ़ विकासखंड की 22 पंचायतें शामिल हैं।

जिला पंचायत के सीईओ प्रखर सिंह ने बताया कि पांचवें वित्त की राशि उपलब्ध होते ही संबंधित पंचायतों में बिजली पहुंचाने का काम शुरू किया जाएगा। बाकी काम के लिए बिजली कंपनी से समन्वय किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द से जल्द बिजली व्यवस्था स्थापित हो ताकि उनकी फसलें सुरक्षित रहें और बच्चों और परिवारों की जिंदगी आसान हो सके।

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