देश में तेजी से फैल रहा है ‘दिमाग खाने वाले अमीबा का खतरा’, जानिए डॉक्टरों से इससे बचने का उपाय 

Saroj kanwar
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Brain eating amoeba : केरल में पिछले कुछ दिनों से दिमाग खाने वाले अमीबा का खतरा बढ़ गया है। इस सूक्ष्मजीव का नाम नेगलेरिया फाऊलेरी है। आम बोलचाल की भाषा में इसे दिमाग खाने वाला अंबा कहा जाता है। केरल में इसके 67 मामले सामने आ चुके हैं और 18 लोगों की मौत भी हो चुकी है। बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री बीना जॉर्ज ने तत्काल जल सुरक्षा और इससे निपटने का निर्देश जारी किया है।

 सामने जानकारी के अनुसार बढ़ते तापमान के वजह से अमेबिक मेनिनजाइटिस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह अमीबा से होने वाला एक घातक रोग है जो पूरे दिमाग को खो जाता है मौत हो जाती है। तो आईए जानते हैं कैसे बचे इस बीमारी से…

 बेंगलुरु के एक न्यूरोलॉजिस्टिक डॉ नितिन कुमार ने  मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि हाल ही में ब्रेन अमीबा से जुड़े मामले सामने आए हैं जो की बेहद ही गंभीर मेडिकल कंडीशन है। इसमें मृत्यु दर काफी अधिक हो जाती है यानी कि अधिकतर मरीज इसके संक्रमण से बच ही नहीं पाते हैं। इस अमीबा को आमतौर पर दिमाग खाने वाला अमीबा के नाम से जाना जाता है। गंदगी के वजह से यह उत्पन्न होता है इसके साथ ही यह पानी के अंदर भी उत्पन्न होता है। गर्म स्थलों पर यह काफी ज्यादा फैलता है। स्विमिंग पूल गया किसी नदी में इसका प्रजनन दर बढ़ जाता है और जब मनुष्य के संपर्क में आता है तो यह दिमाग में घुस जाता है।

 डॉक्टर ने बताया कि जब कोई व्यक्ति पानी में तैरता है तो नाक के जरिए यह दिमाग में चला जाता है और ब्रायन को खाने लगता है। इससे अभी तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। जब यह अमीबा दिमाग में चला जाता है तो मिर्गी का दौरा पड़ने लगता है।

 अगर आपको इसका लक्षण दिखे तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें तभी आपकी जान बच सकती है। आप गंदगी भर पानी में स्नान करने से बचें। 

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