Bike Price Cut: भारत में टू-व्हीलर मार्केट लगातार बढ़ रहा है और लोगों की सबसे बड़ी चिंता बाइक की कीमत होती है। हाल ही में सरकार ने जीएसटी (Goods and Services Tax) नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिसका सीधा असर बाइक के दामों पर पड़ेगा। इस बदलाव के बाद अब आम उपभोक्ता को बाइक खरीदने में पहले से ज्यादा राहत और फायदे मिलने वाले हैं।
नई जीएसटी दरें 22 सितम्बर 2025 से लागू हो रही हैं और इसका लाभ ज्यादातर उन ग्राहकों को मिलेगा जो 350cc तक की बाइक खरीदना चाहते हैं। पहले इन बाइक्स पर 28% टैक्स लगता था, लेकिन अब इसे घटाकर सिर्फ 18% कर दिया गया है। यानी अब छोटे और मीडियम सेगमेंट की बाइक्स पहले से अधिक किफायती हो जाएंगी।
नए जीएसटी नियम और उनका असर
जीएसटी काउंसिल ने सितंबर 2025 में अपनी 56वीं बैठक में यह बड़ा बदलाव किया। इसमें छोटे और मीडियम इंजन वाली बाइक्स यानी 350cc तक की सभी मोटरसाइकिलों और स्कूटरों पर जीएसटी दर को घटा दिया गया है। पहले यहां 28 प्रतिशत की दर लागू होती थी, मगर अब इसे केवल 18 प्रतिशत कर दिया गया है।
इस कमी से बड़ी संख्या में ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा क्योंकि भारत में बिकने वाली लगभग 98 प्रतिशत बाइक्स इसी श्रेणी में आती हैं। कॉम्यूटर बाइक्स जैसे हीरो स्प्लेंडर, होंडा शाइन, टीवीएस अपाचे और बजाज पल्सर अब पहले से सस्ती कीमत पर उपलब्ध होंगी।
350सीसी से ऊपर बाइक्स पर टैक्स बढ़ोतरी
जहां छोटे इंजन वाली बाइक के दाम कम होंगे, वहीं पावरफुल और हाई परफॉर्मेंस बाइक्स पर खरीदारों की जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। 350cc से ऊपर के इंजनों वाली बाइक्स पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से बढ़ाकर सीधा 40 प्रतिशत कर दी गई है। इस बढ़त को ‘सिन टैक्स’ कहा जा रहा है।
इस फैसले का असर रॉयल एनफील्ड के 450cc से ऊपर वाले मॉडल्स, केटीएम 390 और ट्रायम्फ जैसी प्रीमियम बाइक्स पर सीधे तौर पर पड़ेगा। इनकी कीमतों में बढ़ोतरी स्पष्ट तौर पर ग्राहकों को प्रभावित करेगी और प्रीमियम सेगमेंट में खरीदारी के समय अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा।
स्कूटर और मीडियम रेंज मॉडल पर सीधा फायदा
भारत में बिकने वाली ज्यादातर बाइक्स और स्कूटर 350cc तक की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में हीरो, होंडा, टीवीएस और बजाज जैसी कंपनियों की कॉम्यूटर मोटरसाइकिल और स्कूटर ग्राहकों के लिए अब पहले से किफायती हो गए हैं। यह बदलाव विशेषकर उन लोगों के लिए राहत भरा है जो कम बजट में भरोसेमंद और माइलेज देने वाली बाइक्स की तलाश में रहते हैं।
शहरी और ग्रामीण बाजार में उपयोग होने वाले अधिकतर मॉडल्स इस बदलाव से लाभान्वित होंगे। नतीजा यह होगा कि बाइक और स्कूटर की बिक्री में तेजी आएगी और त्योहारों के मौसम में कंपनियों की कमाई और ग्राहक दोनों को फायदा मिलेगा।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और ऑटो पार्ट्स पर असर
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की जीएसटी दर पहले से ही 5 प्रतिशत पर तय है और इस बदलाव से इसमें कोई अंतर नहीं आया है। यानी ई-स्कूटर और इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल की कीमतें पहले जैसी ही रहेंगी। हालांकि, सरकार का मुख्य उद्देश्य पेट्रोल बाइक्स को सस्ता करके दोपहिया यात्रियों को सुविधा देना है।
ऑटो पार्ट्स पर भी असर देखा जाएगा। अब ज्यादातर स्पेयर पार्ट्स की जीएसटी दर 18 प्रतिशत पर आ जाएगी, जिससे रिपेयरिंग और सर्विसिंग का खर्च घटेगा। यह निर्णय संपूर्ण बाइक इकोसिस्टम को सस्ता और ग्राहकों के लिए सुविधाजनक बना देगा।
ग्राहकों और बाजार पर सकारात्मक प्रभाव
नए जीएसटी नियम लागू होने से ग्राहकों को बाइक की कुल कीमत में 10,000 से 25,000 रुपये तक की बचत हो सकती है। इसका असर बैंक की ईएमआई आधारित योजनाओं पर भी पड़ेगा। चूंकि कीमत कम होने पर ईएमआई भी घटेगी, इसलिए ग्राहक आसानी से नया वाहन खरीद पाएंगे और भुगतान का बोझ हल्का होगा।
बाइक कंपनियां भी इस फैसले से काफी उत्साहित हैं। रॉयल एनफील्ड और टीवीएस जैसी कंपनियां पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि टैक्स का लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचाया जाएगा। इससे बिक्री बढ़ेगी और मोटरसाइकिल कंपनियों को भी उत्पादन और खपत के स्तर पर मजबूती मिलेगी।
त्योहारों के सीजन में खरीदारी की संभावना
22 सितम्बर 2025 के बाद लागू होने वाले इस नियम का सबसे बड़ा फायदा त्योहारों के सीजन में देखने को मिलेगा। भारतीय बाजार में अक्टूबर से दीवाली तक का समय दोपहिया बिक्री के लिए सबसे अहम होता है। ऐसे में कीमतों में आई कमी से खरीदारों की संख्या बढ़ेगी और बाजार में जबरदस्त रौनक लौटेगी।
पहली बार बाइक खरीदने वाले ग्राहक भी इस राहत से नए विकल्पों की ओर आकर्षित होंगे। इसके अलावा युवाओं और रोज़मर्रा यात्रियों के लिए कम खर्च में बेहतर विकल्प मिलना अब आसान होगा। वहीं, प्रीमियम बाइक खरीदने वालों को बढ़ी हुई दरों के कारण अधिक भुगतान करना पड़ेगा।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सरकार द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार है। कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस बदलाव से जुड़ी अफवाहें फैलाई गई थीं, जो बिल्कुल गलत हैं। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि केवल सरकारी स्रोतों और कंपनी की आधिकारिक घोषणा पर ही भरोसा करें। यह नियम पूरी तरह से वैध है और इसके लागू होने के बाद ही बाइक खरीदना सबसे उपयुक्त रहेगा।