अतिरिक्त राशन दुकानों का मामला, आदेश के एक साल बाद भी लागू नहीं

Saroj kanwar
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Chhatarpur News: जिले के 54 गांवों में सरकार ने पहले आदेश दिया था कि 800 से अधिक हितग्राही वाले गांवों में एक-एक अतिरिक्त राशन दुकान खोली जाए ताकि लोगों को खाद्यान्न आसानी से मिल सके और कालाबाजारी पर रोक लगे। लेकिन आदेश जारी होने के एक साल बाद भी इन गांवों में एक भी नई दुकान नहीं खुल सकी।

बल्देवगढ़, जतारा और टीकमगढ़ के कई गांवों में प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन फिर भी परिणाम नहीं निकले। इस दौरान बल्देवगढ़ ब्लॉक में कुछ जगहों पर बिना किसी सार्वजनिक सूचना के आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। ऐसे मामलों के चलते नियमों के उल्लंघन की आशंका बढ़ गई है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि राशन वितरण प्रणाली को सुचारु और पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम जरूरी था। लेकिन दुकानों की कमी और लापरवाही के कारण कई हितग्राही सही समय पर राशन नहीं ले पा रहे हैं। पिछले दिनों निरीक्षण में कुछ गांवों में गेहूं, चावल और चीनी के स्टॉक में कमी पाई गई। इसके अलावा कुछ दुकानदारों ने पीओएस मशीन के माध्यम से तीन महीने का राशन पहले ही निकाल लिया।

अधिकारी अधिकारियों ने बताया कि 16 गांवों में 19 नई दुकानों के लिए आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से लगभग 10 आवेदक वही लोग थे जो पहले से किसी न किसी राशन दुकान के संचालन में जुड़े हुए थे। इस कारण नए लोगों को लाभ मिलने की संभावना कम रही।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली की इस प्रक्रिया के बारे में शिकायतें भी हाई कोर्ट तक पहुंची हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रक्रिया का उद्देश्य केवल कुछ विशेष लोगों को लाभ पहुंचाना था, जबकि वास्तविक गरीब अब भी राशन के लिए भटक रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि अभी सभी आवेदनों की समीक्षा की जा रही है। कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद उचित कदम उठाया जाएगा। इस मामले में हितग्राहियों की समस्याओं का समाधान और अतिरिक्त दुकानों का जल्दी उद्घाटन होना जरूरी है, ताकि राशन वितरण में पारदर्शिता बनी रहे और कालाबाजारी पर रोक लग सके।

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