पान के शौकीन तो सब होते हैं। अगर खाने के बाद पान मिल जाए तो खाना भी हजम हो जाता है और स्वाद भी बन जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पान की खेती कैसे की जाती है और सरकार खेती के लिए क्या सहायता प्रदान करती है ,यदि नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं। बदलते समय के साथ कृषि में भी बदलाव आने लगा है।
परंपरागत खेती छोड़ उद्यानिकी खेती करने लगे हैं
किसान अब अपनी परंपरागत खेती छोड़ उद्यानिकी खेती करने लगे हैं। सरकार इनकी मदद से के लिए कई योजना लेकर आई है। इसमें अगर आप उत्तर प्रदेश से है उड़ान विभाग पान की खेती करने वाले किसानों का अनुदान दे रहे हैं। दरअसल यह योजना पान किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई है जो भी किसान पान की खेती कर रहे हैं वह इस योजना का लाभ लेने के लिए विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
जहां आपको इस योजना से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी। इस योजना में अनुदान के आवेदन के लिए किसान के पास के पास पासबुक अभिलेख, आधार कार्ड होना जरूरी है। तभी इस योजना का लाभ किसानों को मिल सकता है साथ ही लगभग 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के पान का बरेजा होना चाहिए। इस योजना में सरकार पिछड़ी जाती , अनुसूचित जनजाति एवं महिला किसानों को वरीयता दी जाती है। किसानों को उसके बरेजा के क्षेत्रफल के आधार पर अनुदान राशि दी जाती है। पान की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक मदद के लिए उद्यान विभाग लगातार प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी पान की खेती करते हैं खेती करने का विचार बना रहे हैं तो ध्यान विभाग की वेबसाइट https://dbt.uphorticulture.in/पर जाकर आगे अपने जरूरी दस्तावेज के साथ आवेदन कर सकते हैं।
कितना मिलेगा अनुदान
प्रथम अनुदान राशि- हजार स्क्वायर फीट के क्षेत्रफल के बरेजा वाले किसानों को 50000 तक 453 रुपये
द्विती यअनुदान राशि -750 स्क्वायर फीट के क्षेत्रफल के बरेजा वाले किसान को 37839 रुपए
तृतीय अनुदान राशि -500 स्क्वायर फीट के क्षेत्रफल के बरेजा वाले किसान को 25 225 रुपए के अनुदान राशि दी जाती है।