School Holiday 2025: सितंबर का महीना छात्रों के लिए हमेशा खास होता है, लेकिन इस साल यह और भी महत्वपूर्ण बनने वाला है। त्योहारों और विशेष अवसरों के चलते कई राज्यों में स्कूलों और कॉलेजों में लंबी छुट्टियां मिलने जा रही हैं। इस दौरान छात्र न सिर्फ पढ़ाई से राहत पाएंगे बल्कि परिवार और दोस्तों के साथ मेलजोल का भी अवसर मिलेगा।
सबसे ज्यादा चर्चा तेलंगाना राज्य की हो रही है, जहां छात्रों को सितंबर में रिकॉर्ड संख्या में छुट्टियां मिलेंगी। खासकर 21 सितंबर से 3 अक्टूबर तक लगातार अवकाश रहेगा, जिससे छात्र पूरे 10 दिन त्योहार और पारिवारिक गतिविधियों के साथ समय बिता सकेंगे। यह समय बच्चों के लिए मानसिक शांति और रचनात्मकता बढ़ाने का अवसर भी लाएगा।
तेलंगाना में सितंबर का छुट्टी कैलेंडर
तेलंगाना राज्य का सितंबर का शैक्षणिक कैलेंडर छात्रों के लिए बेहद आकर्षक है। इस बार यहां 13 दिनों की छुट्टियां घोषित की गई हैं। इन छुट्टियों में रविवार और विभिन्न त्योहार सम्मिलित हैं। सबसे लंबी छुट्टियां दशहरा उत्सव के दौरान मिलेंगी, जो छात्रों के लिए एक विशेष अवसर बनकर आएंगी।
दशहरा अवकाश 21 सितंबर से 3 अक्टूबर तक रहेगा। इसका अर्थ है कि छात्रों को लगातार 10 दिनों का आराम और उत्सव का समय मिलेगा। इससे पहले महीने की शुरुआत में ईद-ए-मिलाद और बीच में रविवार की छुट्टियां कैलेंडर को और भी खास बना रही हैं।
तेलंगाना में घोषित खास छुट्टियां
सितंबर में छुट्टियों की सूची में कई अहम तिथियां शामिल हैं। 5 सितंबर को ईद-ए-मिलाद के कारण अवकाश रहेगा। इसके अलावा 7 और 14 सितंबर को रविवार की नियमित छुट्टियां मिलेंगी। लेकिन छात्रों के लिए सबसे बड़ा सरप्राइज 21 सितंबर से शुरू होने वाला दशहरा अवकाश है, जो 3 अक्टूबर तक चलेगा।
इस तरह देखा जाए तो छात्रों को सितंबर के अंतिम 10 दिन लगातार छुट्टियां मिलेंगी। यह लंबे समय का अवकाश न केवल पढ़ाई से राहत देगा बल्कि छात्रों को त्योहारों में भागीदारी और पारिवारिक जुड़ाव का अवसर भी प्रदान करेगा।
\जूनियर कॉलेजों की छुट्टियां
तेलंगाना में स्कूलों के साथ-साथ जूनियर कॉलेजों को भी लंबे अवकाश का लाभ मिलेगा। कॉलेजों के लिए छुट्टियां 28 सितंबर से 5 अक्टूबर तक घोषित की गई हैं। इस कारण कॉलेज की कक्षाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया जाएगा।
छात्रों के लिए यह काफी लाभकारी समय साबित होगा क्योंकि वे परीक्षा की तैयारियों से थोड़ा आराम पा सकेंगे। हालांकि कॉलेज 4 अक्टूबर से खुल जाएंगे, लेकिन शनिवार और रविवार पड़ने के कारण छात्रों को अतिरिक्त आराम मिल जाएगा।
छुट्टियों से पहले परीक्षाओं का दबाव
त्योहार और छुट्टियां आने से पहले छात्रों को शैक्षणिक दबाव का भी सामना करना होगा। 21 सितंबर तक फॉर्मेटिव असेसमेंट परीक्षाएं पूरी कराई जाएंगी। इसके चलते छात्रों को पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी पर विशेष ध्यान देना रहेगा।\
अक्टूबर में समेटिव मूल्यांकन होगा और नवंबर में हाफ-ईयरली परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसलिए छुट्टियों से पहले मेहनत करने की जिम्मेदारी छात्रों पर बनी रहेगी। यह समय पढ़ाई और आनंद के बीच संतुलन बनाने का रहेगा।
अन्य राज्यों में भी अवकाश
तेलंगाना के अलावा अन्य राज्यों में भी सितंबर में त्योहारों के चलते स्कूल बंद रहेंगे। नवरात्रा, दुर्गा पूजा और दशहरा के कारण स्कूलों में विशेष अवकाश घोषित किए गए हैं। यह छात्रों के लिए सांस्कृतिक अनुभव और पारिवारिक समय बिताने का बेहतरीन अवसर होगा।
पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, असम, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 22, 29 और 30 सितंबर को स्कूल बंद रहेंगे। इन राज्यों में त्योहारों का रंगत बच्चों की जिंदगी को और भी उत्साहपूर्ण बना देगा।\]
छात्रों के लिए छुट्टियों का महत्व
स्कूल की छुट्टियां बच्चों के लिए केवल आराम का अवसर ही नहीं बल्कि उनके व्यक्तित्व के विकास का साधन भी बनती हैं। लंबे अवकाश के बाद छात्र तरोताजा होकर पढ़ाई में नई ऊर्जा से लौटते हैं। इससे उनकी एकाग्रता और सफलता पर सकारात्मक असर पड़ता है।
इसके अतिरिक्त त्योहारों के दौरान छात्र सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को समझने का मौका पाते हैं। परिवार और समुदाय के साथ रहने से बच्चों की सोच परिपक्व होती है और वे अपनी संस्कृति को निकट से पहचानते हैं।
अभिभावकों के लिए चुनौती
जहां छुट्टियां बच्चों के लिए आनंद का समय लाती हैं, वहीं अभिभावकों के लिए वे एक चुनौती भी बन जाती हैं। लंबे अवकाश में बच्चों का समय प्रबंधन करना आसान कार्य नहीं होता। यदि सही देखरेख न हो तो पढ़ाई से बच्चों का ध्यान भटक सकता है।\
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को पढ़ाई और खेलकूद के बीच संतुलित दिनचर्या अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे बच्चों पर छुट्टियों का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उनका समय उपयोगी बनेगा।
त्योहारों से जुड़े अनुभव
सितंबर का महीना त्योहारों में डूबा हुआ रहेगा। ईद-ए-मिलाद, दशहरा, नवरात्रा और दुर्गा पूजा का सामूहिक उत्सव बच्चों को भारतीय विविधता के असली रंगों से जोड़ता है। वे इस दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं को गहराई से जान पाते हैं।
ये अनुभव बच्चों के जीवन को नई सोच देते हैं और उन्हें समाज एवं संस्कृति से जोड़ते हैं। इस प्रकार छुट्टियां केवल आराम ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक शिक्षा का भी महत्वपूर्ण भाग बन जाती हैं।
तेलंगाना का उदाहरण क्यों खास है
तेलंगाना राज्य का छुट्टी कैलेंडर विशेष इसलिए भी है क्योंकि यहां छात्रों को लगातार 10 दिन की छुट्टी प्रदान की जा रही है। भारत के अन्य किसी राज्य में इतनी लंबी लगातार छुट्टी घोषित नहीं की गई है। इससे बच्चों को परिवार संग त्योहार मनाने का भरपूर अवसर मिलेगा।
पढ़ाई से थोड़ी राहत और आनंद के इन पलों से छात्रों की मानसिक स्थिति बेहतर होगी। यह एक खास उदाहरण है कि शिक्षा व्यवस्था त्योहार और संस्कृति को बच्चों की दिनचर्या में जोड़ने का उत्कृष्ट माध्यम भी बन सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और राज्य सरकारों की घोषणाओं पर आधारित है। छुट्टियों की संख्या और तारीखें समय-समय पर शिक्षा विभाग की अंतिम अधिसूचना के अनुसार बदल सकती हैं।