लोक अदालत में सुलह से टूटे रिश्ते जुड़े, एक दिन में सैकड़ों मामलों का निपटारा

Saroj kanwar
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Ratlam News: टाउन कोर्ट परिसर में आयोजित विशेष लोक अदालत ने शनिवार को न सिर्फ वैवाहिक विवाद सुलझाए बल्कि लंबित नागरिक व व्यावसायिक प्रकरणों का भी बगैर जद्दोजहद के निपटारा करवा दिया। एक ही दिन में सैकड़ों पक्षकारों ने आपसी सहमति से राजीनामा कर दुनिया भर के छह माह के मामलों को मिनटों में समाप्त कर दिया गया — जिससे न्यायतंत्र की पहुँच और त्वरित समाधान का संदेश गया।

दाम्पत्य विवाद सुलझा, फिर साथ रहने का वादा

एक गंभीर वैवाहिक मामले में पति (27) और पत्नी (25) के बीच गहरे अनबन के कारण पत्नी मायके चली गई थीं। परिवार और अदालत के संयमपूर्ण मध्यस्थता से संवाद बहाल हुआ और दम्पति ने आपसी राजीनामा के साथ अपने वैवाहिक जीवन को फिर से शुरू करने का फैसला लिया। सुलह के प्रतीक के रूप में दंपति को तुलसी का पौधा भेंट किया गया — जो नए आरंभ का संकेत माना गया।

एक दिन में प्रभावशाली आरंभ — संख्या और रकम

लोक अदालत में कुल मिलाकर लगभग 644 पक्षकारों ने राजीनामा कर कई पुरानी पेंचदर उम्मीदों को खत्म किया। विभिन्न बेंचों ने 257 लंबित प्रकरणों का निपटारा किया जबकि 82 प्री-लिटिगेशन मामलों (बैंक, बीमा, विद्युत, नगरपालिका इत्यादि) में भी समझौते हुए। इन गतिविधियों से लगभग 1.88 करोड़ रुपए के दावे सुलझे और प्री-लिटिगेशन में लगभग 15.52 लाख रुपए की वसूली हुई। कुछ मामलों में तो 2 करोड़ रुपये से अधिक के प्रकरण भी तय किए गए — यानी प्रभावित पक्षों को शीघ्र और ठोस राहत मिली।

प्रशासनिक सहभागिता और प्रभाव

न्यायिक अधिकारियों, विभागीय प्रतिनिधियों और तहसील विधिक सेवा समिति के सहयोग से यह मुहिम सफल रही। यह पहल दर्शाती है कि कोर्ट-आधारित मध्यस्थता और लोक अदालतें समय व धन बचाते हुए सामाजिक तनावों को कम करने में कारगर साबित हो सकती हैं। उदाहरणस्वरूप एक उपभोक्ता विवाद में विद्युत कंपनी से 1.38 लाख रुपए की वसूली करवा दी गई, जिससे स्थानीय आवेदक का मसला तुरंत हल हुआ।

निष्कर्ष — तीव्र, सरल और सामूहिक समाधान

लोक अदालत के इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सहमति-आधारित निपटान अदालतों पर दबाव कम करने के साथ पक्षकारों को तुरन्त न्याय व राहत दे सकता है। न्यायिक मध्यस्थता, पारिवारिक पुनर्मिलन और प्रशासनिक समन्वय जैसी व्यवस्थाओं को व्यापक रूप से अपनाने से स्थानीय स्तर पर दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक सुधार की राह सहज बनेगी।

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