Land Registration New Rule : अब सस्ते में होगी जमीन की रजिस्ट्री, 5 सितंबर से लागू नया नियम

Saroj kanwar
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Land Registration New Rule: भारत सरकार द्वारा भूमि पंजीकरण की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं जो 5 सितंबर से देशभर में लागू हो गए हैं। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और किफायती बनाना है। अब नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि पूरी प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से घर बैठे पूरी की जा सकेगी। यह नई व्यवस्था न केवल समय और पैसे की बचत करेगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएगी। डिजिटल प्रणाली के माध्यम से भूमि पंजीकरण में पूर्ण पारदर्शिता आएगी और किसानों तथा जमीन खरीदारों को अधिक सुविधा मिलेगी।

डिजिटल भूमि पंजीकरण प्रणाली

नई डिजिटल भूमि पंजीकरण प्रणाली के तहत अब सभी कार्य ऑनलाइन होंगे। इस व्यवस्था में राज्य सरकारों के भूमि सुधार विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर जाकर जमीन की रजिस्ट्री कराई जा सकेगी। आवेदक को संबंधित पोर्टल पर अपना खाता बनाकर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा से प्रक्रिया और भी आसान हो गई है। इस नई प्रणाली से न केवल कागजी कार्रवाई कम होगी बल्कि प्रक्रिया की गति भी तेज होगी और लोगों का समय बचेगा।

आधार कार्ड की अनिवार्यता

नए नियमों के अनुसार भूमि पंजीकरण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य दस्तावेज के रूप में मान्य होगा। बिना आधार कार्ड के कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन का पंजीकरण नहीं करा सकेगा। यह व्यवस्था पहचान की पुष्टि के लिए की गई है ताकि फर्जी दस्तावेजों का उपयोग रोका जा सके। आधार कार्ड के माध्यम से व्यक्ति की वास्तविक पहचान सुनिश्चित होगी और भूमि विवादों में कमी आएगी। यह कदम सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का भी हिस्सा है जो पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।

वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था

भविष्य में भूमि संबंधी विवादों को रोकने के लिए सरकार ने वीडियो रिकॉर्डिंग की अनिवार्य व्यवस्था की है। जब भी कोई व्यक्ति अपनी जमीन का पंजीकरण कराएगा तो सभी संबंधित पक्षों की सहमति का वीडियो रिकॉर्ड किया जाएगा। इस वीडियो में खरीदार और विक्रेता दोनों की सहमति स्पष्ट रूप से दिखाई जाएगी। यह व्यवस्था न केवल पारदर्शिता लाएगी बल्कि भविष्य में होने वाले विवादों के लिए प्रमाणिक सबूत का काम भी करेगी। इससे न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या भी कम होगी।

ऑनलाइन शुल्क भुगतान प्रणाली

नई व्यवस्था में स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान पूर्णतः ऑनलाइन किया जा सकेगा। इसके लिए विभिन्न डिजिटल पेमेंट विकल्प उपलब्ध होंगे जैसे नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और यूपीआई। यह व्यवस्था नकद लेन-देन को कम करने और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। ऑनलाइन पेमेंट से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण लगेगा और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता आएगी। इससे रसीद और भुगतान का डिजिटल रिकॉर्ड भी स्वचालित रूप से तैयार हो जाएगा।

पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे की सुविधा

सरकार ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया है। अब पैतृक संपत्ति का विभाजन आसानी से किया जा सकेगा और इसके लिए कम स्टांप ड्यूटी देनी होगी। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के लिए मात्र 5000 रुपये स्टांप ड्यूटी निर्धारित की गई है। यह व्यवस्था परिवारों के बीच संपत्ति विवादों को कम करने और कानूनी प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए की गई है। इससे पारिवारिक रिश्तों में सुधार आएगा और न्यायालयी मामलों में कमी होगी।

नई प्रणाली के लाभ

डिजिटल भूमि पंजीकरण प्रणाली के अनेक फायदे हैं जिनमें समय की बचत सबसे महत्वपूर्ण है। अब लोगों को सरकारी दफ्तरों में घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा और घर बैठे ही सारा काम हो जाएगा। इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी क्योंकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी। दस्तावेजों की डिजिटल कॉपी सुरक्षित रहेगी और कभी भी एक्सेस की जा सकेगी। यह प्रणाली पर्यावरण के लिए भी अच्छी है क्योंकि कागज का कम इस्तेमाल होगा। सरकारी कर्मचारियों का कार्यभार भी कम होगा और प्रक्रिया की गति तेज होगी।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी कानूनी या वित्तीय निर्णय लेने से पहले संबंधित विभाग या कानूनी सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। नियमों में किसी भी बदलाव के लिए आधिकारिक वेबसाइट की जांच करें।

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