जलावर्धन योजना में देरी, लोगों की प्यास अब भी अधूरी

Saroj kanwar
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Chhatarpur News: महाराजपुर और गढ़ीमलहरा नगरों में जलावर्धन योजना पर करीब 47 करोड़ से अधिक की लागत से काम चल रहा है। इस योजना का उद्देश्य लगभग 42 हज़ार लोगों को पीने के पानी की किल्लत से राहत दिलाना है। इसके लिए उर्मिल बांध पर इंटकवेल बनना है, नीचे फिल्टर प्लांट तैयार होना है और दोनों नगरों में पानी की टंकियों के साथ-साथ मुख्य पाइप लाइन बिछाई जानी है।

लेकिन योजना की शुरुआत हुए दो साल से ज़्यादा समय हो चुका है और अब तक इंटकवेल का निर्माण शुरू ही नहीं हो पाया। चार महीने पहले इस निर्माण की ड्राइंग पास हुई थी, मगर फाइल अभी भी सिंचाई विभाग के दफ्तरों में अटकी पड़ी है। जब तक अनुमति नहीं मिलेगी, ठेकेदार काम शुरू नहीं कर सकता। इसी वजह से बीते गर्मी के मौसम में नगरों को पानी की समस्या से राहत नहीं मिल पाई।

फिल्टर प्लांट की स्थिति भी बेहद खराब है। दो साल में यहाँ केवल चार पिलर खड़े किए गए हैं। बांध के नीचे खुदाई के दौरान पानी निकल आने से काम लगातार अटकता जा रहा है। ठेकेदार ने कई बार कोशिश की लेकिन पानी कम न होने के कारण निर्माण रोकना पड़ा।

पाइप लाइन डालने का काम भी अधूरा है। महाराजपुर नगर में कुल 15 वार्ड हैं, लेकिन अब तक कुछ बाहरी हिस्सों में ही पाइप लाइन डाली गई है। मुख्य नगर और भीतरी वार्डों तक काम पहुँचा ही नहीं है। नतीजा यह है कि वार्ड 6 से 10 और वार्ड 12-13 के लोग आज भी कुओं और बोरवेल पर निर्भर हैं। कई इलाकों में तो हफ्ते भर तक पानी नहीं आता, जिससे लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है।

टंकियों के निर्माण में भी देरी हो रही है। महाराजपुर में दो और गढ़ीमलहरा में दो टंकियाँ बननी थीं। इनमें से तीन टंकियों का काम बंद होकर अब दोबारा शुरू हुआ है। चौथी टंकी का प्रस्ताव अभी हाल ही में भेजा गया है, जिसे स्वीकृति मिलने और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम छह महीने और लगेंगे। इसका मतलब है कि अगले गर्मी के मौसम में भी लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाएगा।

लगातार बारिश के कारण कुछ महीनों तक निर्माण कार्य रोकना पड़ा था। अधिकारियों का कहना है कि अब टंकियों और फिल्टर प्लांट का काम दोबारा शुरू कराया गया है। इंटकवेल के लिए अनुमति मिलते ही उसका निर्माण भी शुरू होगा और उसके बाद मुख्य पाइप लाइन का काम आगे बढ़ाया जाएगा।

लोगों की उम्मीदें इस योजना से जुड़ी हुई हैं, क्योंकि गर्मी आते ही पानी की समस्या गंभीर हो जाती है। लेकिन काम की धीमी रफ्तार और विभागीय अड़चनों के कारण योजना का लाभ अब तक जनता तक नहीं पहुँच पाया है। यदि जल्द ही कार्यों में तेजी नहीं लाई गई तो आने वाले सीजन में भी हजारों लोग प्यासे ही रहेंगे।

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