Anganwadi Workers Salary Hike :आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका के वेतन में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी

Saroj kanwar
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Anganwadi Workers Salary Hike: भारत में महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएं हमेशा से ही आर्थिक सशक्तिकरण का साधन रही हैं। इन्हीं योजनाओं में आंगनवाड़ी सेवाएं भी शामिल हैं, जो बच्चों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के लिए पोषण और शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करती हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को लंबे समय से कम वेतन में काम करना पड़ रहा था, जिससे उनके जीवन स्तर पर असर पड़ रहा था। हाल ही में उनके लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के वेतन में भारी बढ़ोतरी की गई है, जिससे अब उन्हें पहले की तुलना में कई गुना अधिक वेतन मिलेगा। यह फैसला उन महिलाओं के लिए नई उम्मीद लेकर आया है जो आंगनवाड़ी में सेवा देती हैं। इससे न सिर्फ उनका आर्थिक बोझ कम होगा बल्कि उनके काम के प्रति आत्मविश्वास और समर्पण भी बढ़ेगा। इस लेख में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के नए वेतन, लाभ और इससे जुड़े नियमों की पूरी जानकारी दी गई है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में बड़ा बदलाव

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका समाज के सबसे महत्वपूर्ण वर्गों में से एक हैं, जो बच्चों, गर्भवती महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। पहले इन कर्मचारियों को बहुत ही मामूली वेतन दिया जाता था, जिससे उनका जीवन यापन कठिन हो जाता था। लेकिन गुजरात हाई कोर्ट के हालिया आदेश के बाद उनके वेतन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है। पहले जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को ₹10,000 प्रतिमाह और सहायिका को ₹5,500 प्रतिमाह वेतन मिलता था, अब यह बढ़ाकर क्रमशः ₹24,800 और ₹20,300 कर दिया गया है। यह बदलाव उनके जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें वित्तीय स्थिरता देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस फैसले से लगभग 1 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।

गुजरात हाई कोर्ट के आदेश का महत्व

गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस सुपेहिया और जस्टिस आरटीओ वचाहानी द्वारा सुनाया गया यह फैसला आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बहुत बड़ी राहत है। अदालत ने माना कि वर्तमान समय में जो वेतन उन्हें दिया जा रहा है वह बिल्कुल मामूली है और यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह केंद्र सरकार के सहयोग से या अकेले ही न्यूनतम बढ़ोतरी के अनुसार वेतन का भुगतान सुनिश्चित करे। यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे अन्य राज्यों में भी आंगनवाड़ी कर्मचारियों को उचित वेतन देने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। लंबे समय से कर्मचारियों द्वारा न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मांग की जा रही थी, जिसे अब अदालत ने पूरा किया है।
नए वेतन और एरियर भुगतान की जानकारी

इस नए फैसले के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का नया वेतन 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। इसका मतलब यह है कि कर्मचारियों को बीते हुए महीनों का एरियर भी मिलेगा, जिसे एक साथ दिया जा सकता है। इसके बाद हर महीने बढ़ोतरी के अनुसार तय किया गया वेतन मिलेगा। यह एरियर भुगतान उनके लिए अतिरिक्त राहत लेकर आएगा और अचानक होने वाले खर्चों को संभालने में मदद करेगा। पहले जिन कर्मचारियों को कम वेतन के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था, अब वे अपनी और अपने परिवार की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकेंगे। यह बदलाव उनके जीवन में आर्थिक सुरक्षा के साथ-साथ मानसिक संतोष भी देगा।

आंगनवाड़ी सहायिकाओं को मिलने वाला नया लाभ

इस बार की वेतन वृद्धि केवल आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए ही नहीं बल्कि सहायिकाओं के लिए भी लाभकारी है। पहले सहायिकाओं को ₹5,500 प्रतिमाह वेतन मिलता था, जिसे अब बढ़ाकर ₹20,300 कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी के बाद सहायिकाओं को भी कार्य के अनुसार उचित पारिश्रमिक मिल सकेगा। यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सहायिकाएं आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यकर्ता के साथ मिलकर बच्चों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित कई जिम्मेदारियां निभाती हैं। कम वेतन के कारण अब तक उनका जीवन कठिनाइयों से भरा था, लेकिन इस बदलाव के बाद वे आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना पाएंगी।

वेतन बढ़ोतरी से कर्मचारियों के जीवन में बदलाव

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के वेतन में हुई इस बढ़ोतरी से उनके जीवन स्तर में बड़ा सुधार होगा। पहले कम वेतन के कारण कई कर्मचारी अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी करने में असमर्थ रहते थे, लेकिन अब वेतन बढ़ने से वे अपने बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं पर ध्यान दे पाएंगी। यह बदलाव उनके काम के प्रति समर्पण और उत्साह को भी बढ़ाएगा। अधिक वेतन मिलने से आंगनवाड़ी केंद्रों की सेवाओं की गुणवत्ता भी बढ़ेगी, जिससे बच्चों और महिलाओं को अधिक लाभ मिलेगा। यह एक ऐसा कदम है जो समाज के विकास के लिए भी सकारात्मक साबित होगा।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की योग्यता और आयु सीमा

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं पास होना आवश्यक है। इसके साथ ही इस पद के लिए आयु सीमा 18 से 40 वर्ष तय की गई है। इस आयु सीमा और शैक्षिक योग्यता के कारण कई महिलाएं इस सेवा में जुड़कर आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा सकती हैं। सरकार ने आंगनवाड़ी सेवाओं को महिलाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर बनाया है। अब जब वेतन में भी बढ़ोतरी हुई है तो यह पेशा और भी आकर्षक हो गया है। इससे अधिक योग्य और समर्पित महिलाएं इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित होंगी।

भविष्य में वेतन बढ़ोतरी की संभावनाएं

गुजरात हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के वेतन में समय-समय पर बढ़ोतरी होती रहेगी। वर्तमान में तो उनकी सैलरी ₹24,800 तक कर दी गई है, लेकिन आने वाले समय में यह ₹50,000 प्रतिमाह तक भी हो सकती है। यह संभावना कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद और सुरक्षा लेकर आती है। सरकार और अदालत के इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि आंगनवाड़ी कर्मचारियों को अब उनके काम के अनुसार सम्मानजनक वेतन दिया जाएगा। इससे न केवल उनका मनोबल बढ़ेगा बल्कि समाज में उनके योगदान को भी उचित मान्यता मिलेगी।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों और न्यायालय के आदेश पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निर्णय से पहले आधिकारिक वेबसाइट या विभागीय सूचना से पुष्टि अवश्य करें।

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