Bihar Land Register Update :बिहार सरकार का ऐलान, अब अधिकारी करेंगे आपके घर पर जमीन रजिस्ट्री

Saroj kanwar
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Bihar Land Register Update: बिहार सरकार ने हाल ही में जमीन रजिस्ट्री और भू-रिकॉर्ड सुधारने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के आम लोगों को जमीन से जुड़े दस्तावेजों की त्रुटियां ठीक कराने या रजिस्ट्री कराने के लिए बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। “राजस्व महा अभियान” के अंतर्गत अधिकारी स्वयं गांव-गांव और घर-घर जाकर जमीन के कागजात की जांच, नाम सुधार, पारिवारिक बंटवारे और उत्तराधिकार प्रविष्टि जैसी सेवाएं देंगे। यह पहल 16 अगस्त 2025 से शुरू होकर 20 सितंबर 2025 तक चलेगी। इस दौरान अधिकारियों द्वारा आपके घर पर आकर आवेदन फॉर्म दिए जाएंगे और जरूरी दस्तावेज एकत्र किए जाएंगे। पंचायत स्तर पर भी कैंप आयोजित होंगे जहां लोग अपनी समस्याओं और सुधार के लिए आवेदन कर सकेंगे। डिजिटल प्रणाली के कारण सब कुछ कंप्यूटर पर दर्ज होगा और मोबाइल पर OTP के माध्यम से जानकारी मिलती रहेगी। यह प्रक्रिया पारदर्शी, सुरक्षित और समय बचाने वाली है, जिससे लोगों के पुराने विवाद और दस्तावेजी झंझट दूर होंगे।

बिहार में जमीन रिकॉर्ड सुधार अभियान का उद्देश्य

राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य जमीन रजिस्ट्री और रिकॉर्ड को आसान, तेज और पारदर्शी बनाना है। पहले लोगों को नाम सुधार, खाता या खेसरा में बदलाव के लिए बार-बार तहसील और कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते थे, जिससे समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती थी। इस नई व्यवस्था में राजस्व विभाग की टीमें घर-घर जाकर सभी जरूरी जानकारी और दस्तावेज एकत्र करेंगी। इससे फर्जीवाड़ा, नकली कागजात और अनधिकृत कब्जे जैसी समस्याओं में कमी आएगी। डिजिटल सिस्टम से डेटा ऑनलाइन दर्ज होगा, जिससे किसी भी नागरिक को घर बैठे अपने आवेदन की स्थिति देखने की सुविधा मिलेगी। यह पहल किसानों, जमीन मालिकों, और संपत्ति खरीदारों सभी के लिए राहत देने वाली है। सरकार चाहती है कि हर नागरिक के पास विवाद-मुक्त, सुरक्षित और सही भू-अभिलेख उपलब्ध हों।

घर पर जमीन रजिस्ट्री और नाम सुधार प्रक्रिया

इस अभियान के तहत अधिकारी स्वयं आपके घर आएंगे और आवेदन पत्र के साथ जमीन की जामा बंदी, रसीद, परिमार्जन फॉर्म, और पीढ़ी प्रमाण जैसे दस्तावेज लेंगे। अधिकारी मौके पर ही जांच करेंगे और किसी भी गलती को सही करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। जिन लोगों के जमीन रिकॉर्ड में नाम, पिता का नाम, खाता संख्या, खेसरा, रकबा या लगान में गड़बड़ी है, वह इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। यदि जमीन पर कब्जा या पारिवारिक बंटवारे का मामला है तो अधिकारी उसकी रिपोर्ट दर्ज कर ऑन-स्पॉट समाधान के लिए प्रक्रिया शुरू करेंगे। इससे नागरिकों को न तो दफ्तरों के चक्कर लगाने होंगे और न ही लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। यह घर बैठे सुविधा उपलब्ध कराकर समय और धन दोनों की बचत करती है।

पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाले विशेष कैंप

राजस्व महा अभियान के दौरान पंचायत स्तर पर भी विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे। इन कैंपों में लोग स्वयं जाकर अपने दस्तावेजों की जांच और सुधार करवा सकते हैं। यहां सरकारी कर्मचारी और अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे जो आपकी समस्याएं सुनकर समाधान देंगे। कैंप में आवेदन फॉर्म उपलब्ध होंगे और वहीं पर दस्तावेजों की जांच की जाएगी। यदि किसी व्यक्ति के पास घर पर अधिकारी आने का समय न हो या दस्तावेजों में अतिरिक्त जानकारी देनी हो तो वह कैंप के माध्यम से अपनी समस्या रख सकता है। इससे सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को समान सुविधा मिलेगी। यह व्यवस्था पारदर्शिता और जनता की भागीदारी को बढ़ावा देती है, जिससे सरकारी सेवाओं पर भरोसा मजबूत होता है।

डिजिटल प्रणाली और मोबाइल ओटीपी से पुष्टि

इस अभियान में डिजिटल प्रणाली को प्राथमिकता दी गई है ताकि हर प्रक्रिया सुरक्षित और तेज हो सके। अधिकारी जब आपके दस्तावेज जांच करेंगे तो तुरंत ही कंप्यूटर में डाटा दर्ज किया जाएगा। इसके बाद आपकी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड होगी, जिससे आप घर बैठे अपने आवेदन की स्थिति देख सकेंगे। मोबाइल नंबर पर OTP भेजकर नागरिक की पहचान और जानकारी की पुष्टि की जाएगी। इससे फर्जीवाड़ा या गलत जानकारी देने की संभावना काफी हद तक कम हो जाएगी। डिजिटल रिकार्ड तैयार होने से भविष्य में भी किसी भी बदलाव या सुधार को ऑनलाइन किया जा सकेगा। यह व्यवस्था राज्य के हर नागरिक को एक आधुनिक और सुरक्षित भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में मदद करेगी।

आवश्यक दस्तावेज और आवेदन की प्रक्रिया

इस अभियान का लाभ उठाने के लिए नागरिकों को कुछ जरूरी दस्तावेज तैयार रखने होंगे। इसमें जामा बंदी की कॉपी, जमीन की रसीद, परिमार्जन फॉर्म, पीढ़ी प्रमाण, मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि उत्तराधिकार प्रविष्टि है) और सक्रिय मोबाइल नंबर शामिल हैं। अधिकारी आपके घर पर आकर इन दस्तावेजों की जांच करेंगे और ऑनलाइन डेटा एंट्री करेंगे। आवेदन की स्थिति की जानकारी आपको मोबाइल पर मिलती रहेगी। यदि किसी कारणवश दस्तावेज अधूरे हों तो अधिकारी आपको समय देकर उन्हें पूरा करने का अवसर देंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सरल है, जिससे नागरिक बिना किसी बिचौलिए के सीधे सरकार से जुड़कर अपना काम कर सकते हैं।

कम खर्च और समय में पारिवारिक बंटवारा सुविधा

नए नियम के तहत अब मात्र 100 रुपये के स्टांप पेपर पर पारिवारिक बंटवारा और जमीन की रजिस्ट्री कराना संभव हो गया है। पहले इन कामों में ज्यादा समय और खर्च लगता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया काफी सस्ती और तेज हो गई है। अधिकारी मौके पर ही आपके दस्तावेज जांचकर पारिवारिक बंटवारे की एंट्री कर सकते हैं। इससे परिवार के सदस्यों के बीच विवाद कम होंगे और संपत्ति का कानूनी ट्रांसफर सरल बनेगा। इस सुविधा का लाभ खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा जहां अब तक रजिस्ट्री के लिए उन्हें तहसील कार्यालयों में बार-बार जाना पड़ता था। सरकार की यह पहल भूमि से जुड़े विवादों को न्यूनतम करने में मदद करेगी।

नागरिकों के लिए इस पहल के मुख्य लाभ

राजस्व महा अभियान के चलते नागरिकों को कई लाभ मिलेंगे। सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब उन्हें जमीन रिकॉर्ड ठीक कराने या रजिस्ट्री कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सभी दस्तावेज डिजिटल सिस्टम में सुरक्षित होंगे जिससे नकली दस्तावेज और फर्जीवाड़े की संभावना कम हो जाएगी। आधार और बायोमेट्रिक पुष्टि से असली मालिक की पहचान तय होगी और भुगतान पूरी तरह से ऑनलाइन और सुरक्षित रहेगा। नागरिकों को घर बैठे सही जामा बंदी की प्रति, नाम में सही जानकारी और डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध होगा। यह प्रक्रिया समय बचाने वाली, पारदर्शी और विवाद-मुक्त व्यवस्था की ओर एक बड़ा कदम है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सरकारी योजना या नियम की अद्यतन जानकारी और आधिकारिक प्रक्रिया के लिए बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करें।

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