Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में प्रदेशभर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने शासकीय कर्मचारी घोषित करने सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर तूता स्थित धरना स्थल पर जमकर हल्ला बोला। उन्होंने मध्यप्रदेश की तर्ज पर मानदेय में प्रति वर्ष 10 फीसदी वृद्धि की मांग, पर्यवेक्षक भर्ती निकालने और आयु सीमा बंधन को हटाते हुए 50 फीसदी में पदोन्नति दिए जाने की मांग की है। छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ के आव्हान पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने शासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका सुबह से नवा रायपुर के तूता स्थित धरना स्थल में प्रदर्शन करने पहुंचीं। इस दौरान अपनी लंबित मांगों के प्रति शासन का ध्यान आकर्षित कराने जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन भी किया।
प्रमुख मांगों पर एक नजर
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को तत्काल शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।
मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्रतिवर्ष 10 फीसदी मानदेय में बढ़ोतरी की जाए।
सहायिकाओं को शत-प्रतिशत पदोन्नत कर उन का बंधन हटाया जाए, परर्यविक्षक अती तत्काल निकाली जाए और आयु सीमा बंधन को हटाते हुए।
50 फीसदी में पदोन्नति देने की मांग, वर्तमान में सहायिकाओं का 8 हजार रुपये मानदेय किया जाए।
पोषण ट्रेकर एप में आने वाली समस्या को दूर किया जाए।
सुपोषण चौपाल की राशि एवं मातृ वंदना की राशि प्रत्येक माह दी जाए।
बारिश में भी डटे रहे
चारिश के बाद भी प्रदर्शनकारियों का उत्साह कम नहीं हुआ। वे प्रातः 11 से शाम 5 बजे तक धरना स्थल पर डटी रहीं। नांग पर विचार नहीं होने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं ने अनिश्चितकालीज आआंदोलन पर जाने की वेतावनी दी है। अपनी मंगों के संबंध में उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा।