आपने लोगों को देखा होगा कि रुद्राक्ष की माला लेकर जप करते रहें। इस माला को भगवान शिव का अंश माना जाता है। कहते हैं कि रुद्राक्ष की माला से जप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। लेकिन अक्सर लोगों का सवाल रहता है यह रुद्राक्ष से जप कैसे करना चाहिए। इसके नियम क्या है और फायदे। तो चलिए आज आपको इन सारे सवालों का जवाब देते हैं और बताते हैं रुद्राक्ष की माला से आपको किस तरह से जाप करना चाहिए। ताकि आपको तप का पूर्ण फल मिले ।
सनातन धर्म में रुद्राक्ष को महादेव का प्रतीक माना गया है
सनातन धर्म में रुद्राक्ष को महादेव का प्रतीक माना गया है। कहा जाता है कि किसी भी इच्छा की पूर्ति के लिए उद्देश्य जब आप रुद्राक्ष माला का जाप करते हैं तो न सिर्फ इससे व्यक्ति की ऊर्जा का निर्वहन होता है बल्कि साहस ,बल , और बुद्धि भी बढ़ती है। रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सुख शांति का वातावरण बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं रुद्राक्ष की माला से गायत्री ,श्री दुर्गा ,भगवान शिव, भगवान गणेश ,श्री कार्तिकेय ,माता पार्वती का नाम जप करने शिव जातकों की सभी कष्ट दूर होते हैं। इतना ही नहीं आप रुद्राक्ष की माला को गले में भी पहन सकते हैं।
रुद्राक्ष की माला का पूजा का जाप करें
अगर आप रुद्राक्ष की माला का जाप करना चाहते हैं तो सबसे पहले रुद्राभिषेक करके माला का शोधन किया जाता है। इसके अलावा आप घर पर रुद्राक्ष की माला की सिद्धि के लिए मिट्टी के 11 शिवलिंग तैयार कर दूध ,गंगाजल , घी ,दही ,शहद से शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करें और फिर रुद्राक्ष की माला का पूजा का जाप करें।
रुद्राक्ष की माला का जाप करते समय सीधे हाथ में माला को पकड़े
रुद्राक्ष की माला का जाप करते समय सीधे हाथ में माला को पकड़े। अपनी तर्जनी उंगली में माला को छुए नहीं। अंगूठे और बीच वाली उंगली का प्रयोग करते हुए रुद्राक्ष की मूर्ति पर मंत्र का उच्चारण करें। दूसरे मोती पर दोबारा मंत्र का उच्चारण करें। इसी तरह से 108 बार मंत्रो का उच्चारण करें। आप चाहे तो रुद्राक्ष की माला से पांच या पांच या 11 बार भगवान से जुड़े मंत्रो का या उनके नाम का उच्चारण कर सकते हैं।