आमलकी एकादशी कहे या फिर आमला एकादशी दोनों एक ही नाम है। एकादशी को हर साल हिंदी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन माह में मनाते हैं। इस महीने जब शुक्ल पक्ष की शुरुआत होती है तब उसके बाद आने वाले एकादशी तिथि को आमला एकादशी कहते हैं। वर्ष भर में आने वाली एकादशी की तरह इस एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन होता है। यह मान्यता होती है कि जो भी इस एकादशी पर पूरे भक्ति भाव से पूजन करता है उसे सुख समृद्धि मिलती है और हर मनोकामना पूरी होती है।
जानिए आमला की एकादशी इस साल किस दिन पड़ रही है और कैसे की जा सकती है इस दिन पूजा संपन्न।
आमलाकी एकादशी का शुभ मुहूर्त एकादशी का इस साल का शुभ दिन है 20 मार्च जिसका मुहूर्त शुरू हो रहा है दोपहर 12:21 से। यह मुहूर्त काफी देर तक जारी रहेगा जो अगले दिन 21 मार्च को खत्म होगा। समापन का समय होगा दोपहर 2:22 पर जो भी भक्त धार्मिक दिन पर उपवास रखने वाले हैं कि मार्च के दोपहर की मुहूर्त के समापन से पहले व्रत का पारण कर सकते हैं।
आमलकी एकादशी पर भी सुबह स्नान करना बिल्कुल ना भूले
हर पूजन की तरह आमलकी एकादशी पर भी सुबह स्नान करना बिल्कुल ना भूले। स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है। व्रत रखने के साथ ही पूजा करके पूजा घर की सफाई करें। दिन भर व्रत रखने के बाद पूजन करें। पूजन के समय एक पाटे पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा रखें। दोनों प्रतिमाओं का पंचामृत और से स्नान करवाए। इस दिन भगवान को पीले फूल अर्पित करें। पिले फूल अर्पित करने के साथ ही भगवान को हल्दी और गोपीचंद्रन का तिलक लगाए। तुलसी पत्र अर्पित करें भोजन भोग लगाए और तुलसी पत्र जरूर अर्पित करे ।