यह तो सार्वजनिक है कि पिछले दिनों की पिछले दिनों इंसान किशन और श्रेयस अय्यर किसान हाल से गुजरे। दोनों को ही बीसीसीआई ने सालाना अनुबंध से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बात इतनी थी कि टेस्ट टीम में खराब फार्म जूझ रहे अय्यर को हेड कोच राहुल द्रविड़ ने रणजी में मैच खेलकर फॉर्म हासिल करने को कहा था। लेकिन इसके उलट ने श्रेयस ने जिम में ट्रेनिंग और विज्ञापन शूटिंग करना ज्यादा बेहतर समझा।
फाइनल में एक बार फिर से नाम रहे और सिर्फ साथ ही रन बन सके
बहरहाल अब जब अय्यर जैसे -तैसे रणजी ट्रॉफी खेलने पहुंचे हालात इतने बुरे हैं क्योंकि सभी के सामने है। रविवार को विदर्भ के बीच वानखेड़े में शुरू हुए फाइनल में एक बार फिर से नाम रहे और सिर्फ साथ ही रन बन सके। मतलब रणजी ट्रॉफी में रन बनाने के लिए भी पूरी तरह से जूझ रहे हैं ।
चीजे बहुत ज्यादा खराब होने हाथ से निकलने के बाद श्रेयस अय्यर रणजी ट्रॉफी मैच खेलने लौटे , जरूर लेकिन अभी तक तीसरे मुकाबले की पहली पारी तक हालात बहुत खराब है। यह क्वार्टर फाइनल से लेकर अभी तक तीन पारियों में 19.33 के औसत से 58 रन ही बनाए हैं और फाइनल के 7 रन के जोड़ने के बाद उनका औसत और भी खराब हो जाता है।
मुंबई के बल्लेबाजों ने साधारण क्रिकेट खेली जाहिर है कि उनकी आलोचना के केंद्र अय्यर थे
निश्चित तौर पर यह औसत अय्यर की प्रोफाइल को बिल्कुल भी शोभा नहीं देता और सचिन तेंदुलकर ने भी इस पर उंगली उठा दी है।
रविवार को फाइनल में शार्दुल ठाकुर के 75 रन को छोड़कर दिग्गज धड़ाम रहे। मुशीर खान ,कप्तान अंजिक्य रहने और श्रेयस अय्यर दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके और इसी से निशाना साधते सचिन तेंदुलकर ने एक पर बल्लेबाजों को निशाना साधते हुए लिखा कि ,मुंबई के बल्लेबाजों ने साधारण क्रिकेट खेली जाहिर है कि उनकी आलोचना के केंद्र अय्यर थे।