बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से देश में कई राज्यों आज गेहूं वशिष्ठ की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा रही है। इसी किसान परेशान है। किसानो की इस परेशानी को समझते हुए राज्य सरकार ने अपने-अपने स्तर पर किसानों को मुआवजा दिए जाने की घोषणा कर रही है। इसके लिए सर्वे करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। हाल ही में मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश और हरियाणा की मौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसले बर्बाद हो गई। ऐसे में हरियाणा राज्य सरकार ने किसानों को मुआवजा राशि दिए जाने का ऐलान कर दिया है।
सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव सहायता की जाएगी ताकि उनको नुकसान की भरपाई की जा सके।
राज्य के किसान कहां दर्ज कराये नुकसान की रिपोर्ट।
बे मौसम बारिश और ओलावृष्टि से हरियाणा में गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को ही नुकसान से राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से अपील की है कि बेमौसम में बारिश ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की जानकारी ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज कराये , उनके नुकसान की भरपाई की जाएगी। फसल नुकसान की जानकारी इस पोर्टल पर 15 मार्च 2020 तक अपलोड कर सकते हैं।
सबसे पहले खुद नुकसान की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी
फसल नुकसान मुआवजा को लेकर राज्य सरकार ने कहा है कि किसानों का फसलों को भी नुकसान के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा ‘पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज के रूप में परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार ने भी तीन जिलों अंबाला ,यमुनानगर और पंचकूला के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोला है। ऐसे में तीन जिलों के किसान 10 मार्च तक अपनी फसल का मुआवजा लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अभी मौसमी बारिश में ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ है। उन्हें सबसे पहले खुद नुकसान की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
राजस्व अधिकारी किसान के खेत में सर्वे का कार्य करेंगे
इसके बाद राजस्व अधिकारी किसान के खेत में सर्वे का कार्य करेंगे। रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी इसके बाद किसानों के बैंक खाते में फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। राज्य के जो किसान फसल नुकसान मुआवजा प्राप्त करना चाहते हैं पोर्टल की वेबसाइट https://ekshatipurti.haryana.gov.in/ पर जाकर अपनी फसलों के नुकसान का विवरण निर्धारित समय से पहले दे सकते है। भारतीय हरियाणा सरकार ने पहले से शर्त रखी हुई है कि उन्हें किसानों का फसल नुकसान का मुआवजा प्रदान किया जाएगा जिनका रजिस्ट्रेशन वेरीफिकेशन ‘मेरा ब्यौरा ‘ पोर्टल पर दर्ज होगा।
राज्य में हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की खड़ी फसल को नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि सूबे के 570 गांव में बारिश और ओला वृष्टि का प्रभाव देखने को मिला है। इसमें से 200 से अधिक गांव में करीब 3 लाख हैक्टेयर में गेहूं ,सरसों की फसल को नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालाँकि कृषि विभाग की ओर से अभी तक नुकसान की कोई स्पष्ट आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। किसानो की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने स्पेशल गिरदावरी का काम 15 मार्च तक बढ़ा दिया।
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के बाद सूबे में गिरदावरी का काम पहले से चल रहा है। मौजूदा बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों को ही नुकसान की भरपाई के लिए स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं जिसे 15 मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। हरियाणा में जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं करवाया है उन किसानों को फसल के 75 फ़ीसदी से अधिक नुकसान के लिए ₹15000 प्रति एकड़ और 50 से 75% के बीच फसल नुकसान होने पर ₹12000 प्रति एकड़ मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है।
नुकसान की भरपाई की जा सके
वही जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तहत फसलों का बीमा करवाया है उन किसानों को योजना के नियमों के अनुसार 33% या उससे अधिक नुकसान पर मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। यूपी में पिछले दिनों हुई बे मौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को किसानो की फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने की निर्देश दिया ताकि उनके नुकसान की भरपाई की जा सके प्रदेश की सभी जनपदों में सर्वे का कार्य चल रहा है। फसल नुकसान के अलावा आकाशीय बिजली से हुई जनहानि और पशुहानि में भी सर्वे किया जा रहा है ताकि प्रभावित व्यक्ति को मुआवजा दिया जा सके।
प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद ने बताया कि CM के निर्णय के अनुसार बारिश और ओलावृष्टि से हुई फसलों के नुकसान का सर्वे कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा सर्वे से जो किसान छूट जाएंगे उनके लिए विशेष क्षेत्रीय सिविल लगाया जाएगा इसके डेटा से जुड़ी जानकारी राहत पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। फसल नुकसान के अलावा आकाशीय बिजली से हुई जनहानि और पशुहानि में भी सर्वे किया जा रहा है ताकि प्रभावित व्यक्ति को मुआवजा दिया जा सके।
किसानों की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा
राहत आयुक्त जीएस नवीन के अनुसार , झांसी ,इटावा ,ललितपुर ,सहारनपुर सहित सभी जिलों के नुकसान का आकलन किया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश में कहा कि संबंधित विभाग को विवरण उपलब्ध कराया जाए जिससे किसानों के खाते में 24 घंटे के अंदर क्षतिपूर्ति की धनराशि खाते में भेजी जा सके। सीएम के आदेश की पालना में सोमवार को सहारनपुर के जिलाधिकारी सहित अधिकारियों ने किसानों से संपर्क किया और खेतों में जाकर फसल नुकसान का जायजा लिया। हरियाणा ,उत्तर प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश में भी कई जिलों में फसलों की भारी नुकसान और मध्य प्रदेश की गुना जिले में आंधी के साथ हुई बारिश ओलावृष्टि से किसानों की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा। तेज हवाओं से गेहूं ,सरसों की फसल खेतों में बिछ गई है । जिससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
धनिया और मसूर की फसलों को काफी नुकसान हुआ है
इसके अलावा ओलावृष्टि और बारिश से धनिया और मसूर की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। जिले की चनपुरा, खयावदा, पुरा पोसर, विन्ख्याई, सकतपुर, किशनगढ़ और म्याना सहित दर्जनों गांवों में फसल को नुकसान होने के समाचार मिले हैं। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है किसानों ने अभी तक प्रशासन की ओर से उनके पास कोई अधिकारी सर्वे के लिए नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताई।
नाराज किसानों ने नेशनल हाईवे 46 हाईवे पर चक्का जाम कर दिया किसानों ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात की। इधर फसल नुकसान में संबंध में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व के पी यादव ने किसानों का आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया है। इतना ही नहीं सांसद केपी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है। वहीं गुना कलेक्टर मनवीर सिंह बैंस ने बताया कि ओलावृष्टि से 15 गांव प्रभावित हुए। गुना एसडीएम द्वारा नुकसान का सर्वे किया जा रहा है।