तुलसी की खेती में बना नई मिसाल, प्रदेश में सबसे आगे निकले मंदसौर के किसान

Saroj kanwar
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Mandsaur News: तुलसी जिसे आयुर्वेद में ‘कृष्ण जीवनी’ कहा जाता है, सिर्फ एक पौधा नहीं बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर एक प्राकृतिक दवा है। मंदसौर जिले के किसानों ने अब तुलसी की खेती को नया मुकाम दे दिया है। जिले में लगभग 700 हेक्टेयर भूमि पर तुलसी की खेती की जा रही है, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है।

प्रदेश के कुल 1294.80 हेक्टेयर तुलसी क्षेत्र में से आधे से ज्यादा खेती अकेले मंदसौर जिले में होती है। यह सिर्फ उत्पादन का आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह किसानों की बदलती सोच और औषधीय फसलों के प्रति बढ़ते रुझान का भी संकेत है। उद्यानिकी विभाग लगातार किसानों को प्रेरित कर रहा है कि वे तुलसी जैसी फसलों की ओर बढ़ें जिससे आय भी बढ़े और स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान भी मिले।

हालांकि तुलसी की खेती का क्षेत्रफल बढ़ा है, लेकिन उत्पादन की दर अभी अपेक्षाकृत कम है। जिले में फिलहाल उत्पादकता 1.14 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर है। विभाग ने 2024-25 के लिए मंदसौर में तुलसी उत्पादन का अनुमान 814 मीट्रिक टन लगाया है। किसान अभी तुलसी की आधुनिक खेती तकनीक से पूरी तरह परिचित नहीं हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी इसके लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं।

तुलसी विटामिन A, C और K जैसे पोषक तत्वों के साथ यूजेनॉल, कैम्फीन और सिनेओल जैसे यौगिकों से भरपूर होती है। यह हृदय रोग, त्वचा समस्याएं, पथरी, सांस संबंधी रोग, सिरदर्द और संक्रमण जैसी कई समस्याओं में लाभदायक मानी जाती है। यही वजह है कि इसकी खेती स्वास्थ्य और आर्थिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण बन गई है।

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