भारत में सीनियर सिटीजन यानी 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए सरकार न केवल आर्थिक तौर पर बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी कई मुफ्त और रियायती सुविधाएँ देती है। इससे हमारी बुजुर्ग पीढ़ी को न केवल सम्मान मिलता है, बल्कि बुढ़ापे में स्वयं को सुरक्षित और आत्मनिर्भर भी महसूस करती है। देश की बढ़ती बुजुर्ग आबादी के मद्देनज़र, केंद्र और राज्य सरकारों ने समय-समय पर अनेक योजनाएँ लागू की हैं, जिनका मकसद है – बुजुर्गों को सम्मानपूर्वक जीवन देना।
सरकार के इन प्रयासों के चलते वृद्धजन आज विभिन्न क्षेत्रों—चिकित्सा, यात्रा, बचत, पेंशन, कानूनी सलाह आदि—में बेफिक्री से जीवन व्यतीत कर सकते हैं। कई लोगों को इन योजनाओं व मुफ्त सुविधाओं की जानकारी नहीं होती, जिससे वे उनका लाभ नहीं उठा पाते। यहां हम विस्तार से बताते हैं किन-किन योजनाओं में सीनियर सिटीजन को कौन-कौन से लाभ और मुफ्त सुविधाएं मिलती हैं।
सीनियर सिटीजन के लिए मुफ्त और रियायती सुविधाएँ
सरकार ने 2025 से सीनियर सिटीजन की सुविधा के लिए कई योजनाओं को विस्तार दिया है। सबसे पहली और जरूरी सुविधा है वरिष्ठ नागरिक पहचान पत्र (Senior Citizen ID Card)। यह कार्ड 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिकों को बिल्कुल मुफ्त में राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जाता है। इस कार्ड से बुजुर्ग व्यक्ति को सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों में प्राथमिकता, सार्वजनिक परिवहन में छूट और कई योजनाओं में सीधे लाभ मिलते हैं।
इस कार्ड के जरिए सरकारी बसों और ट्रेनों में यात्रा पर रियायत भी मिलती है। भारतीय रेलवे में पुरुष सीनियर सिटीजन को टिकट में 40% और महिलाओं को 50% तक की छूट (रेलवे छूट फिलहाल ठप है, पर दोबारा शुरू होने की प्रक्रिया में है) दी जाती रही है। कई राज्यीय परिवहन बसों में भी 25-50% तक छूट दी जाती है।
बुजुर्गों के लिए एक अहम योजना है – मासिक पेंशन। आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों, खासतौर पर बीपीएल कार्ड धारी या जिनकी मासिक आय कम है, को सरकार 3,000 से 3,500 रुपये तक की मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन देती है। यह सुविधा खासतौर पर वृद्धावस्था पेंशन योजना, अटल पेंशन योजना और प्रधानमंत्री वृद्धावस्था पेंशन योजना जैसी सरकारी योजनाओं के अंतर्गत आती है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए पहचान व आय प्रमाण पत्र के साथ सम्बंधित विभाग में आवेदन करना जरूरी है।
वित्तीय सुरक्षा की दृष्टि से सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) भी महत्त्वपूर्ण है। इसमें 60 वर्ष या उससे ज़्यादा आयु के लोग बैंक या डाकघर में जमा कर लाभ उठा सकते हैं। 2025 में SCSS में ब्याज दर लगभग 8.2% तक है। अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है और इसकी अवधि 5 वर्ष होती है। इसके अलावा, कई बैंक सीनियर सिटीजन के एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर सामान्य से अधिक ब्याज दर देते हैं। ₹1 लाख तक की ब्याज आमदनी पर अब टीडीएस नहीं काटा जाता।
स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 60 वर्ष से ऊपर के हर बुजुर्ग को ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया है। कई सरकारी एवं अधिकृत प्राइवेट अस्पतालों में अलग से वरिष्ठ नागरिकों के लिए पंक्तियाँ, निःशुल्क हेल्थ चेकअप, वैक्सीनेशन एवं विशेष काउंटर उपलब्ध हैं। 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग आयुष्मान कार्ड भी घर बैठे बनवा सकते हैं और उनसे भी मुफ्त इलाज करवा सकते हैं।
कानूनी एवं मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए भी टोल-फ्री हेल्पलाइन और काउंसलिंग की सुविधा बुजुर्गों के लिए उपलब्ध है। सरकार समय-समय पर मुफ्त कानूनी सहायता शिविर और समाज कल्याण केंद्रों के माध्यम से परामर्श देती है। इसी तरह, आयकर में भी छूट दी जाती है – 60 साल या उससे ज्यादा उम्र वालों के लिए सालाना 3 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं है, और 80 वर्ष से ऊपर के लिए सीमा 5 लाख तक है।
इन सरकारी योजनाओं और मुफ्त सुविधाओं का लाभ पाने के लिए आमतौर पर, उम्र प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी), आय प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो आदि जरूरी होते हैं। इसके बाद, संबंधित विभाग या पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। कई सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन भी शुरू हो गया है, जिससे बुजुर्गों को कहीं लाइन में लगने की जरूरत नहीं होती।
आवेदन करने की प्रक्रिया
इन योजनाओं में लाभ लेने के लिए सीनियर सिटीजन को आवश्यकता अनुसार आवेदन करना पड़ता है। सरकारी पेंशन या SCSS जैसे खातों में नामांकन के लिए बेसिक डाक्यूमेंट्स (जैसे जन्म प्रमाण, पहचान-पत्र, आय प्रमाण) संबंधित बैंक, डाकघर या समाज कल्याण विभाग में जमा करवाने होते हैं।
स्वास्थ्य सहायता के लिए नजदीकी अस्पताल या सरकारी हेल्थ कैंप में जाकर बायोमेट्रिक और जरूरी कागजों के आधार पर कार्ड बनवाया जा सकता है। कई योजनाओं में ऑनलाइन अप्लाई करने की सुविधा राज्य-विभागीय पोर्टल्स या UMANG/CSC सेंटरों पर भी मिल रही है।
निष्कर्ष
सरकार की ये सारी योजनाएँ और मुफ्त सुविधाएँ बुजुर्ग नागरिकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। इनका उद्देश्य वृद्धजनों को आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य सुरक्षा देकर उनके जीवन को बेफिक्र, सम्मानजक और आत्मनिर्भर बनाना है। हर सीनियर सिटीजन को चाहिए कि वो अपनी जानकारी अपडेट रखें और इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं।