मध्य प्रदेश के इस जिले में आज से बिना हेलमेट नहीं मिलेगा पेट्रोल, पंप संचालकों को नोटिस, बिना हेलमेट पेट्रोल दिया तो होगी कार्रवाई

Saroj kanwar
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इंदौर में 1 अगस्त (शुक्रवार) से बगैर हेलमेट दो पहिया वाहन चालकों को पेट्रोल पंपों से पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित रोड सेफ्टी कमेटी के निर्देशों के पालन में हेलमेट की अनिवार्यता बढ़ाने के लिए यह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। आदेश 29 सितंबर तक प्रभावशील रहेगा। उल्लंघन करने वाले पेट्रोल पंप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। यह प्रतिबंध मेडिकल संबंधी मामलों व आकस्मिक स्थिति में लागू नहीं होगा।

इसे लेकर गुरुवार को जिले के सभी पंप संचालकों की बैठक हुई। बैठक में डीसीपी ट्रैफिक अरविंद तिवारी, एडीएम रोशन राय और आरटीओ प्रदीप शर्मा ने पंप संचालकों को हिदायत दी कि वे शुक्रवार से आदेश का सख्ती से पालन करें। इसकी कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। पेट्रोल पंप पर विवाद करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इंदौर पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह वासु ने बताया कि हमें आदेश के पालन में किसी तरह की दिक्कत नहीं है। यदि कोई ग्राहक बहस करता है और विवाद होता है तो हमारी सुरक्षा का क्या ? इसलिए हम कलेक्टर से बात करेंगे और उन्हें ज्ञापन भी देंगे।

आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती

कलेक्टर का आदेश लागू होने से पहले ही इसे निरस्त किए जाने को लेकर हाई कोर्ट में गुरुवार को याचिका दायर की गई। इसमें मोटर व्हीकल एक्ट का हवाला भी दिया गया है। दो पहिया वाहन चलाते वक्त हेलमेट लगाना अनिवार्य है, लेकिन पेट्रोल भरवाने के लिए हेलमेट लगाने का एक्ट में कहीं जिक्र नहीं है। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश इनानी ने यह याचिका दायर की है। सोमवार को इस पर सुनवाई हो सकती है। याचिका में यह भी कहा गया कि सुभाष मार्ग, जवाहर मार्ग, एमजी रोड, महू नाका से राजेंद्र नगर, राजबाड़ा जैसी सड़कों पर दो पहिया भी रेंगते हुए चलते हैं। इन सड़कों पर ट्रैफिक लोड इतना अधिक है कि तेज रफ्तार गाड़ियां तड़के और रात को भी नहीं चल पाती हैं। इन सड़कों पर हेलमेट लगाकर चलने की कतई आवश्यकता नहीं है।

सरकारी कार्यालयों में हो ‘नो हेलमेट नो एंट्री’

अभियान से पहले शासकीय कार्यालयों में भी ‘नो हेलमेट नो एंट्री’ का नियम अनिवार्य होना चाहिए। हम जनता से हेलमेट की अनिवार्यता की अपेक्षा कर रहे हैं, तो पहले हमें अपने शासकीय और निजी संस्थानों में यह

अनुशासन स्थापित करना होगा।

पुष्यमित्र भार्गव, महापौर

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