हिंदू धर्म में भगवान शिव का विशेष महत्व है शिव भगवान ऐसे देवता हैं जो एक लोटा जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव शंकर को प्रसन्न करने वाला खास मंत्र है। इस मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद में मिलता है। कहा जाता है यदि कोई व्यक्ति रोग मुक्त जीवन चाहता है और अकाल मृत्यु की डर से खुद को दूर करना चाहता है तो उसे महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए । महामृत्युंजय मंत्र भगवान भोलेनाथ की सबसे प्रिय मंत्र है। इस मंत्र के जप से मनुष्य की सभी बातें और परेशानियां खत्म हो जाती है। शिव पुराण और अन्य ग्रंथो में इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है।
शिव पुराण के अनुसार ,महामृत्युंजय मंत्र के जप से व्यक्ति को संसार के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में चलिए जानते हैं महामृत्युंजय के बारे में विस्तार से।
महामृत्युंजय का जप विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है। अकाल मृत्यु ,महा रोग ,धन हानि ,ग्रह क्लेश , गृह बाधा, ग्रह पीड़ा ,सजा का भय ,प्रॉपर्टी विवाद समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसी स्थिति में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। इसके चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं इन सभी समस्याओं से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र या लघु मृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।
अकाल मृत्यु का भय समाप्त
भगवान शंकर की अति प्रिय महामृत्युंजय मंत्र के जप से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इस मंत्र के प्रभाव से दीर्घायु की प्राप्ति होती है। भगवान शिव का प्रश्न करने वाले इस मंत्र से उम्र बढ़ाने का वरदान प्राप्त होता है।
आरोग्य में वृद्धि
माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र ना सिर्फ व्यक्ति को निडर बनाते हैं बल्कि सभी शारीरिक कष्टों से मुक्ति और आरोग्य की भी प्राप्ति होती है।
होती है धन धान्य में वृद्धि
महामृत्युंजय मंत्र के जप से भगवान शिव को जल्दी प्रश्न किया जा सकता है। इसी सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके नियमित जप से घर में धान की कमी नहीं होती मान्यता है कि इस मंत्र के जप से व्यक्ति के समाज में वर्चस्व से होता है। नियमित जप से व्यक्ति का मान सम्मान बढ़ता है।
संतान की प्राप्ति
ऐसी मान्यता हैं की महामृत्युंजय मंत्र के जाप से भगवान शंकर शिव कृपा करते और मनोकामना पूरी करते हैं। इस मंत्र के जाप से संतान की इच्छा पूरी होती है ऐसा माना जाता है।