हिंदू धर्म भारतीय संस्कृति में नदियां आस्था का केंद्र मानी जाती है। गंगा नदीपतित पावनि नदी भी कहा जाता है। गंगा नदी के बारे में तो आप जानते हैं लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं गंगा नदी की बड़ी बहन देवी का नदी के बारे में। दरअसल पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ,देविका नदी को गंगा नदी की बड़ी बहन कहा जाता है। जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले के पहाड़ी शुद्ध महादेव मंदिर देविका नदी का उद्गम स्थल है। इसके बाद यह देवीका नदी उत्तर पश्चिम दिशा में जाकर रावी नदी में मिल जाती है। चलिए हम आपको इस नदी के बारे में बताते हुए यह भी बताते है कि उन्हें गुप्त नदी के नाम से भी क्यों जाना जाता है ।
गंगा नदी की बड़ी बहन भी है जिन्हें देविका नदी कहते हैं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार , गंगा नदी की बड़ी बहन भी है जिन्हें देविका नदी कहते हैं। गंगा की तरह देविका नदी का खास धार्मिक महत्व आपकोबताते है। देविका नदी के उद्गम स्थल को देवक नगरी भी कहते हैं। इस नदी की एक विशेष बात यह है की नदी अपने उद्गम स्थल से निकलने के बाद कहीं से बहती हुई दिखाई देती है तो कहीं लुप्त हो जाती है। लुप्त हो जाने और दिखाई ना देने के कारण इसे गुप्त नदी भी कहते हैं।
देविका नदी जम्मू कश्मीर के उधमपुर के पहाड़ी महादेव शिव मंदिर से निकलती है
उद्गम स्थल की बात करें तो देविका नदी जम्मू कश्मीर के उधमपुर के पहाड़ी महादेव शिव मंदिर से निकलती है। शास्त्रों में देविका नदी को मां पार्वती का ही रूप माना जाता है। कहते हैं भगवान शिव के आदेश पर डुग्गर प्रदेश के उद्धार के लिए माता पार्वती ने नदी का रूप धारण किया है। देविका नदी जहां भी प्रकट हुई वहां के तटों पर शिव मंदिर मौजूद है।
देविका नदी के तट पर जिसका भी अंतिम संस्कार होता है उसका हस्तियां भी गंगा में विसर्जित नहीं की जाती है
कहते हैं कि देविका नदी के तट पर जिसका भी अंतिम संस्कार होता है उसका हस्तियां भी गंगा में विसर्जित नहीं की जाती है । यही नहीं कहा तो जाता है यह भी है जाता है कि देविका नदी में विसर्जितअस्थिया कुछ दिनों में विलुप्त हो जाती और कहीं पर भी नजर नहीं आती है।