अगर कोई आपसे कहे की आपकी बंजर भूमि जमीन पैसा उगलेगी तो शायद इसे गंभीरता से नहीं लेंगे लेकिन 2024 में सच होने वाला है। भारत में किसानों के आय को दुगुना करने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है। कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने बंजर जमीन से किसानों की आय बढ़ाने के लिए योजना पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया। इस योजना के तहत किसान को खेती में कोई लागत नहीं लगती सिर्फ अपना खेत सरकार को सपना सरकार उसकी मंजर भूमि पर खेती करेगी। किसानों को सिर्फ खेती की देखभाल करनी है इसके बाद जो उपज प्राप्त होगी उसे पर किसान का ही हक होगा।
किसान फसल को सरकार की सहयोग से बेचकर लाभ कमा सकता है
किसान फसल को सरकार की सहयोग से बेचकर लाभ कमा सकता है। विशेषज्ञों कहना है कि कैक्टस का लाभ कुल 25 वर्षों तक मिलेगा इसके लिए हम आपको इस बंजर जमीन से कमाई कैसे होगी इसके बारे में बताते हैं ।
आज भी हमारे देश में 67 लाख हेक्टर भूमि बंजर है। इस पर फसल नहीं उगाई जा सकती है। पानी की कमी ,रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग व अन्य कारणों से भूमि बंजर हो जाती है। देश में भूमि बंजर की लगातार बढ़ने पर सरकार भी चिंता जाता चुकी है। सरकार ने कई योजनाओं के माध्यम से बंजर भूमि धारक किसान को राहत प्रदान की है। वर्तमान में केंद्र सरकार प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के माध्यम से हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से काम कर रही है। पीएम सिंचाई योजना का वाटर शेड कोपोंनेंट के तहत बंजर भूमि पर खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वाटरशेड परियोजनाओं में कांटा रहित खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से कांटा रहित कैक्टस की खेती से किसानों की आय में इजाफा किया जाएगा
ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से कांटा रहित कैक्टस की खेती से किसानों की आय में इजाफा किया जाएगा। आज राज्य का किसान बंजर भूमि की समस्या से जूझ रहा है। राजस्थान , मध्य प्रदेश ,उत्तर प्रदेश ,पंजाब ,दिल्ली ,हरियाणा ,उत्तराखंड ,बिहार ,झारखंड और छत्तीसगढ़ में बंजर भूमि का रकबा बढ़ता जा रहा है। बंजर भूमि का पीएच लेवल 10.0 होता है । उपजाऊ जमीन का पीएच मान 7.0 से 7.5 होता है। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के वोटर शेड परियोजना के तहत 2024 में सबसे पहले झारखंड के किसानों को लाभ मिलेगा। झारखंड के किसान बिना किसी का लागत की अपनी खेत में बिना कांटेदार कैक्टस की खेती कर पाएंगे। बंजर जमीन पर कैक्टस खेती करना बहुत आसान होता है किसान कैक्टस की खेती से लंबे समय तक आय प्राप्त कर सकते हैं।
झारखंड में बंजर जमीन को खेती के लिए योग्य बनाया जाएगा। योजना के तहत सबसे पहले प्रदेश की 68% जर जमीन को कवर किया जाएगा और बिना कांटेदार कैक्टस की खेती शुरू की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों की भरपूर मदद की जाएगी। किसानों को सिर्फ अपनी जमीन सरकार को सौंपनी होगी। किसान बिना सिंचाई वाली भूमि व बंजर भूमि सरकार को खेती के लिए दे सकता है । इस भूमि पर सरकार की ओर से खेती की जाएगी। खेती की समस्त व्यवस्था ग्रामीण विकास विभाग द्वारा की जाएगी जबकि खेती को संभालने के लिए जिम्मेदार किसान की होगी।
ज्य की बंजर भूमि को हरा भरा करने के लिए सरकार कांटा रहित कैक्टस की खेतीकी और कदम बढ़ा रही है
ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त सचिव और अवध नारायण प्रसाद के अनुसार , राज्य की बंजर भूमि को हरा भरा करने के लिए सरकार कांटा रहित कैक्टस की खेतीकी और कदम बढ़ा रही है। विभाग राज्य के 157 सेक्टर भूमि पर कैक्टस की प्रायोगिक तौर पर खेती की शुरुआत करने जा रहा है। खूंटी जिले में इसका प्रयोग शुरू हो गया। केंद्रपाड़ा योजना आयोजित इस योजना का मुख्य उद्देश्य बंजर भूमि का विकास करना है ।
सरकार बिना कांटेदार के कैक्टस की खेती को बढ़ावा दे रही है
कैक्टस के फायदों को देखते हुए सरकार बिना कांटेदार के कैक्टस की खेती को बढ़ावा दे रही है। कैक्टस की खेती भूमि का जलस्तर को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होती है और इसकी खेती से वाटरशेड का विकास संभव है। इसके लिए केंद्र सरकार जल्दी एक राष्ट्रीय कैक्टस सेल घटित करेगी । यह सेल राज्यों के समन्वय से कांटारहित कैक्टस की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगा। इसके अलावा राज्य में भी वन, कृषि, उद्योग, ग्रामीण विकास विभाग आदि के प्रतिनिधियों को मिलाकर राज्य कैक्टस प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी।