SIP +SWP में बस कर दीजिये एक बार निवेश ,नहीं होगी बुढ़ापे में पैसे की चिंता

Saroj kanwar
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पैसा आदमी की सबसे बड़ी ताकत है। बात कड़वी है मगर अधिकांश परिवार में बच्चे बुढ़ापे का सहारा नहीं बनना चाहते हैं उनकी खुद की कई जरूरते ऐसी है । ऐसे में अगर आप पूरी तरह बच्चों को निर्भर है तो यह सही नहीं है। बुढ़ापे के लिए खुद आर्थिक रूप से सशक्त बनाये। समझदारी इसी में है नौकरी के साथ ही रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर दे ताकि बुढ़ापे में पैसे की कमी ना हो ,मोटा फंड जमा करने के साथ-साथ आपके बुढ़ापे के लिए रेगुलर इनकम प्लान करने की भी आवश्यकता होगी ताकि रोजमर्रा की जरूरत है और खर्च चलते रहते हैं। इसके लिए SIP+SWP की स्‍ट्रैटेजी मददगार होगा।

SIP+SWP में क्या है समझिये

SIP में आप हर महीने एक निश्चित राशि म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं जो कि आपकी बैंक खाते से काट लिए जाते हैं और आपके द्वारा चुने गए म्युचुअल फंड स्कीम की जमा कर दिए जाते हैं। वही SWP में म्युचुअल फंड में किया गया बड़ा निवेश आपके बैंक अकाउंट है मंथली ,तिमाही ,छमाही व सालाना जिस भी मोड़ कोआपके चुनवा चुनाव किया वो क्रेडिट होता रहता है जब तक की फंड खत्म ना हो जाए।

SIP और SWP स्ट्रेटजी

इस नियम के तहत आपको अपने नौकरी के दौरान SIP की शुरुआत करनी चाहिए। म्युचुअल फंड मार्केट लिंक्ड होने के कारण रिटर्न में उतार -चढ़ाव होते रहते हैं। परंतु लंबी अवधि में म्युचुअल फंड सामान्य 12 फीसदी का रिटर्न दे सकता है ,जो किसी अन्य स्कीम में देखने को नहीं मिलता है। इसके अलावा SIP के जरिए निवेश से कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है। नतीजा 20 से 30 साल की अवधि में बड़ा से बड़ा फंड तैयार हो जाता है।

इसके बाद आपको रिटायरमेंट हो जाता है तो SWP का चुनाव करना होगा। इसके जरिए आप रेगुलर इनकम का इंतजाम कर सकते हैं। SWP में अनुमानित रिटर्न 8 फीसदी का माना जाता है। आप अपनी जरूरत के हिसाब से SWP के लिए 10 से 20 साल की अवधि चुन सकते हैं । यह इनकम तब तक होती रहेगी जब तक आपके पास फंड है । फंड खत्म होने पर SWP रुक जाएगी। अगर 20 साल बाद आप SWP की राशि बन जाती है तो उसे निकाल ले या कहीं और इन्वेस्ट भी कर सकते हैं।


SWP की शुरुआत कभी भी की जा सकती है। अपने SIP का रिटायरमेंट के बाद SWP सूप में बदल सकते हैं । अगर आपने SIP में निवेश नहीं किया तो रिटायरमेंट पर मिलने वाले एक मूस्त फंड से SWP से एक्टिवेट कर सकते हैं। SWP एक्टिव करने के लिए आपकोफोलियो नंबर, विद्ड्रॉल की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक अकाउंट को बताते हुए एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा।

SWP के फायदे

बाजार के उतार चढ़ाव को आसानी से झेल सकता है।
चूंकि बाजार निवेश है इसलिए अच्छे रिटर्न की उम्मीद है।
महंगाई को आसानी से मात दे सकता है।
आप अपनी इच्छा से निवेश कर सकते है।

SWP पर बरते ये सावधानी


SWP के लिए हेमशा डेट में लिक्विड फंड की सलाह दी जाती है। इक्विटी फंड में SWP में ना लगाए ऐसा इसलिए क्योंकि बाजार गिरने पर मंदी का असर होगा और आपके ज्यादा यूनिट्स बेचने पड़ेंगे।

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