Clothes Logo Left Side: फैशन की दुनिया रोज़ कुछ नया लेकर आती है. यहां सिर्फ मेकअप ही नहीं, बल्कि अच्छा और स्मार्ट आउटफिट भी ट्रेंड का हिस्सा होता है. आजकल हर कोई, चाहे महिला हो या पुरुष, अपने वार्डरोब में ब्रांडेड कपड़े रखना पसंद करता है. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि जब भी आप कोई ब्रांडेड शर्ट, टी-शर्ट या जैकेट खरीदते हैं, तो उसमें मौजूद ब्रांड का Logo अक्सर बाईं ओर यानी लेफ्ट साइड में ही क्यों होता है?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने बातचीत की एक मशहूर ब्रांड की विजुअल कमर्शियल मैनेजर नीतू सिंह से, जिन्होंने इस फैशन ट्रेंड के पीछे की मनोविज्ञान और ब्रांडिंग स्ट्रेटजी को स्पष्ट किया.
क्यों होता है Logo बाईं ओर?
नीतू सिंह कहती हैं कि किसी भी ब्रांड का Logo बाईं तरफ इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि वहीं दिल होता है. जब कोई ग्राहक उस कपड़े को पहनता है, तो Logo उसके दिल के करीब होता है. इससे ब्रांड और ग्राहक के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव बनता है, जो ब्रांड लॉयल्टी को बढ़ाने में मदद करता है.
इमोशनल कनेक्शन ही है असली वजह
दिल के पास Logo होने से ग्राहक यह महसूस करता है कि वह ब्रांड उसके आंतरिक व्यक्तित्व का हिस्सा है. नीतू सिंह बताती हैं कि यह सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर बनाई गई ब्रांडिंग रणनीति है. इस तरह ब्रांड ग्राहकों के मन में एक स्थायी छवि बना पाता है.दृष्टिकोण में भी है बड़ा कारण
नीतू सिंह ने एक और महत्वपूर्ण कारण बताया. उनका कहना है कि अधिकतर लोग दाएं हाथ से काम करते हैं, लेकिन जब कोई सामने से किसी को देखता है तो उसकी बाईं ओर अधिक ध्यान जाता है. इसलिए, Logo को ऐसी जगह लगाया जाता है, जो पहली नजर में ही ध्यान खींचे.स्कूल यूनिफॉर्म और सेना की वर्दी से आया आइडिया
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि स्कूल यूनिफॉर्म, पुलिस या सेना की वर्दी में भी नाम और रैंक बाईं ओर ही होता है. यह परंपरा धीरे-धीरे फैशन इंडस्ट्री में एक ट्रेंड के रूप में शामिल हो गई. कपड़ों के डिज़ाइन में इसे अब एक मानक (standard practice) माना जाने लगा है.लेफ्ट साइड पर नजर सबसे पहले जाती है
जब कोई ग्राहक कपड़ा खरीदने जाता है, तो उसकी नजर सबसे पहले कपड़े की बाईं तरफ जाती है. यही वजह है कि ब्रांड्स अपने Logo को वहीं लगाते हैं, ताकि वह सीधे ग्राहक की नजरों में आए और ब्रांड की छवि मजबूत बने.
ब्रांड की पहचान बनाता है Logo का स्थान
हर ब्रांड चाहता है कि उसका Logo यादगार बने. यदि वह हर बार एक ही जगह यानी बाईं ओर रहे तो ग्राहक के मन में उस स्थान से ब्रांड की पहचान जुड़ जाती है. यही कारण है कि दोबारा देखते ही ग्राहक ब्रांड को पहचान लेता है.
नकली और असली ब्रांड की पहचान में मदद
नीतू सिंह बताती हैं कि Logo की स्थायी स्थिति से न सिर्फ ग्राहक ब्रांड पहचान पाते हैं, बल्कि इससे नकली और असली प्रोडक्ट में अंतर करना भी आसान हो जाता है. यदि किसी कपड़े का Logo असामान्य स्थान पर है, तो यह नकली होने की संभावना को दर्शा सकता है.एक ब्रांडेड कपड़े में क्या मायने रखता है Logo?
Logo न सिर्फ ब्रांड की पहचान है, बल्कि यह ग्राहक के लिए विश्वसनीयता और गुणवत्ता का संकेत भी होता है. बाईं ओर Logo लगाने से न केवल ब्रांड को फायदा होता है, बल्कि ग्राहक को भी यह संकेत मिलता है कि वह सही उत्पाद खरीद रहा है.
क्या दाईं ओर Logo कभी नहीं होता?
हालांकि कुछ फैशन ब्रांड विशेष डिज़ाइन या एक्सपेरिमेंट के तौर पर Logo को दाईं ओर या बीच में भी लगाते हैं. लेकिन ये आकर्षण या ट्रेंड के रूप में किए गए बदलाव होते हैं. फिर भी आमतौर पर स्थायी और मजबूत ब्रांडिंग के लिए बाईं ओर Logo ही सबसे उपयुक्त और प्रभावी माना जाता है.
ब्रांडिंग से जुड़ी गहराई को समझना जरूरी
यह फैशन का एक ऐसा पहलू है. जिसे अक्सर हम नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन Logo की स्थिति, ब्रांड की सोच, रणनीति और ग्राहक के साथ उसके जुड़ाव का हिस्सा होती है. यह न सिर्फ एक डिजाइन निर्णय, बल्कि एक ब्रांडिंग सिद्धांत है, जो वर्षों से चला आ रहा है.