E-Challan Court Rules: ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के लिए अब चालान भरने में लापरवाही भारी पड़ सकती है। परिवहन विभाग ने ई-चालान को कोर्ट में पेश करने की समयसीमा 150 दिन से घटाकर 90 दिन कर दी है। पहले यह अवधि 5 महीने थी लेकिन अब यह सिर्फ 3 महीने रह गई है। यह फैसला लगातार बढ़ते लंबित चालान मामलों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
हर महीने 10 हजार से ज्यादा ई-चालान
सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हर महीने 10 हजार से अधिक ई-चालान NIC पोर्टल से जारी किए जा रहे हैं। इनमें से करीब 65 प्रतिशत वाहन चालक समय पर चालान का भुगतान कर देते हैं। जबकि बाकी मामले लंबित रह जाते हैं। अब तक 25 हजार चालान ऐसे हैं जिनकी वसूली यातायात पुलिस नहीं कर पाई है।
अब लोक अदालत नहीं, सीधे कोर्ट में होंगे पेश सभी केस
अब यह तय किया गया है कि लंबित ई-चालान के मामलों को लोक अदालत के बजाय सीधे नियमित अदालत में पेश किया जाएगा। इससे न सिर्फ कार्रवाई तेज होगी बल्कि चालान की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्ती भी बढ़ेगी।
नई व्यवस्था को जल्द किया जाएगा लागू
राज्य पुलिस विभाग इस नई प्रणाली को जल्द लागू करने की तैयारी में जुटा हुआ है। अधिकारियों के अनुसार लगातार बढ़ रही चालान न भरने वालों की संख्या के चलते यह बदलाव जरूरी हो गया था। नई व्यवस्था से ई-चालान के तामील और भुगतान में सुधार की उम्मीद की जा रही है।
पते और मोबाइल नंबर अपडेट न होने से हो रही दिक्कतें
फिलहाल ई-चालान वाहन मालिक के घर भेजे जाते हैं। लेकिन अधिकतर मामलों में पता और मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होने के कारण ये चालान तामील ही नहीं हो पाते। इससे नियम तोड़ने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऑनलाइन कोर्ट से की जाएगी चालान वसूली की निगरानी
ई-चालान की वसूली को लेकर अब वर्चुअल कोर्ट व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत यदि चालान की तामिली हो जाती है तो व्यक्ति को तुरंत ऑनलाइन भुगतान करना होगा, अन्यथा उसे कोर्ट में पेश होना अनिवार्य होगा।अब कोर्ट में पेश होना होगा अनिवार्य
ई-चालान का भुगतान न करने वाले वाहन मालिकों को अब सीधा कोर्ट जाना पड़ेगा। यह कदम ऐसे वाहन चालकों पर सख्ती बढ़ाने के लिए उठाया गया है जो नियम तोड़ने के बाद भी चालान का भुगतान नहीं करते हैं।
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए भी चलाया जा रहा अभियान
एक अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) नहीं लगी है। नई प्रणाली को लागू करने के साथ-साथ ऐसे वाहनों के लिए भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है ताकि उनके रिकॉर्ड अपडेट किए जा सकें।
अधिकारियों का बयान
एआईजी ट्रैफिक संजय शर्मा ने कहा “ई-चालान तामिली और भुगतान में हो रही देरी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। अब यदि कोई व्यक्ति चालान नहीं भरता है तो उसे कोर्ट में पेश होना ही पड़ेगा। साथ ही HSRP को लेकर भी सक्रियता बढ़ाई जा रही है।”