Ration Card e-KYC: झारखंड के राशन कार्डधारियों के लिए आज का दिन बेहद अहम है। ई-केवाईसी कराने की अंतिम तिथि 30 जून यानी आज है और अब तक राज्य में 66 लाख से ज्यादा लाभार्थियों का ई-केवाईसी पूरा नहीं हो पाया है। भारत सरकार की तरफ से सात बार डेडलाइन बढ़ाने के बावजूद अब सरकार सख्त हो गई है और नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
ई-केवाईसी की अंतिम तिथि आज
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले पीएचएच और अंत्योदय कार्डधारियों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि 30 जून 2025 के बाद ई-केवाईसी न कराने वाले लाभार्थियों का नाम राशन कार्ड से हटाया जा सकता है।
केंद्र सरकार का स्पष्ट निर्देश
अप्रैल में केंद्र ने राज्यों को अंतिम मौका देते हुए कहा था कि 30 जून तक ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। अन्यथा सब्सिडी रोक दी जाएगी। यानी जिन लाभार्थियों का सत्यापन नहीं होगा। उन्हें सरकारी राशन नहीं मिलेगा और राज्यों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। ‘
झारखंड में अब भी 66 लाख से अधिक लाभार्थी वंचित
राज्य में कुल 2.63 करोड़ राशन कार्डधारी सदस्य हैं। जिनमें से 66,62,411 सदस्य अभी भी ई-केवाईसी से वंचित हैं। यानी लगभग 25% लाभार्थियों ने अब तक सत्यापन नहीं कराया है। ‘
फर्जी कार्डधारियों को हटाने की तैयारी
ई-केवाईसी अभियान का प्रमुख उद्देश्य फर्जी कार्डधारियों को सिस्टम से बाहर करना है। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे केवल वास्तविक जरूरतमंदों को ही लाभ मिल सकेगा। हालांकि इस कार्य में सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है टू-जी ई-पॉश मशीनें और नेटवर्क की खराब स्थिति।
डीलरों को दी गई है जिम्मेदारी
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) से जुड़े डीलरों को भी ई-केवाईसी कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन नेटवर्क कनेक्टिविटी और मशीनों की सीमित क्षमता के कारण कार्य की गति बहुत धीमी है। इससे न केवल लाभार्थियों को परेशानी हो रही है। बल्कि सरकार के सामने भी चुनौती बढ़ती जा रही है।
लोगों को नहीं मिली पूरी जानकारी
कई ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में अभी भी लोग ई-केवाईसी की अनिवार्यता और डेडलाइन के बारे में सही जानकारी से वंचित हैं। सरकारी स्तर पर प्रचार-प्रसार की कमी और तकनीकी सहयोग की सीमाएं इस मुहिम को अधूरा छोड़ रही हैं।
क्या है ई-केवाईसी प्रक्रिया और क्यों जरूरी है यह सत्यापन?
ई-केवाईसी यानी इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर एक डिजिटल प्रक्रिया है। जिसके तहत आधार कार्ड से लिंक कर लाभार्थी की पहचान सत्यापित की जाती है। इससे यह तय होता है कि राशन का लाभ वास्तविक व्यक्ति तक पहुंचे और कोई भी इसका दुरुपयोग न कर सके।
अब क्या होगा ई-केवाईसी नहीं कराने वालों का?
जिन लाभार्थियों ने आज यानी 30 जून तक ई-केवाईसी नहीं कराया। उनका नाम राशन कार्ड से हटाया जा सकता है। इसके बाद उन्हें राशन मिलने की सुविधा बंद हो जाएगी।