सरकार दे रही है इन लोगो को मछली पालन के लिए 45 लाख की सब्सिडी ,यहां जाने कैसे उठाना है इसका लाभ

Saroj kanwar
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किसानो की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहे हैं उससे उनकी खेती के साथ पशुपालन मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस कड़ी में मछली पालन किसानों के आय बढ़ाने के लिए उपलब्ध कराने की उद्देश्य सरकार से ‘प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह ‘योजना मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत 6000 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान दिया किया गया है। इस योजना को अगले 4 वर्षों के लिए सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा।

मछली पालन बिजनेस के सरकार की ओर से 45 लाख रुपए तक सब्सिडी चाहिए

खास बात ये है कि योजना के तहत मछली पालन बिजनेस के सरकार की ओर से 45 लाख रुपए तक सब्सिडी चाहिए इसके अलावा सरकार की ओर से मछली पालन में पुरुष और महिलाओं को नौकरियां सृजित की जाएगी जिसे पुरुषों को 10000 महिलाओं को 15000 प्रति वर्ष दिए जाएंगे। ऐसे मछली पालन का काम करने वाले महिला पुरुष को यह योजना काफी लाभकारी साबित होगी। आज हम आपको इस प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सा योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र की उप योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत 2023 – 24 से 2026 -27 से अगले 4 वर्षों के लिए सभी राज्यों में लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत मछली पालन को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे वह बड़े बिजनेस के रूप में बढ़ सके। इस योजना पर 6000 करोड रुपए खर्च करेगी। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक बनाना और मित्र से पालनपुर से जुड़े सुख समय एवं लघु उद्योगों को समर्थन देना है।

कीन्हे मिलेगा इस योजना का लाभ

प्रधानमंत्री मत्स्य कृषि किसान समृद्धि सह योजना का लाभ मछुआरे ,मछली किसान ,मछली श्रमिक मछली विक्रेता या ऐसे अन्य लोगों को जो सीधे मत्स्य पालनमूल्य श्रृंखला से जुड़े उनको दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रॉपराइटरी फर्मों,साझेदारी फर्मो और भारत में पंजीकृत कंपनियों ,समितियां ,समिति देयता भागीदारी ,सहकारी समितियां ,संघो ,स्वयं सहायता समूह ,मछली किसान उत्पादक संगठनों जैसे ग्राम भारतीय जैसे ग्राम स्तरीय संगठनों के रूप में सूक्ष्म और लघु उद्योग और मत्स्य पालन व जलीय कृषि श्रृंखला में लगे स्टार्टअप, ,किसान उत्पादन के संगठन एफपीओ का योजना का लाभ दिया जाएगा।

कुल पात्र अनुदान का 50% की सीमा के अधीन होगा

योजना के घटक सृजित और अनुरक्षित नौकरियों की संख्या के तहत महिलाओं को सुरक्षित व अनुरक्षित नौकरियां शामिल है। इसके तहत महिलाओं को सृजित और अनुरक्षित प्रत्येक नौकरी के लिए हर साल ₹15000 की राशि का भुगतान किया जाएगा। इसकी तरह एक पुरुष के लिए सृजित और अनुरक्षित प्रत्येक नौकरी के लिए प्रति वर्ष₹10000 की राशि का भुगतान सरकार की ओर से किया जायेगा यह कुल पात्र अनुदान का 50% की सीमा के अधीन होगा ।

मत्स्य पालन क्षेत्र के मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार के लिए सूक्ष्म उद्यमों को समर्थन के तहत सामान्य श्रेणी में सूक्ष्म माध्यम के लिए प्रदर्शन अनुदानु कूल निवेश का 25% या 35 लाख रुपए जो भी कम हो दिया जाएगा। वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं की स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों के लिए कुल निवेश का 35% या 45 लाख रूपये जो भी कम हो दिया जाएगा ।

अतिरिक्त नौकरियों के लिए वेतन बिल पर हुए पूंजीगत निवेश पर किया व्यय शामिल होगा

ग्राम स्तरीय संगठनों और एसएचजी, एफएफपीओ और सहकारी समितियों के संघों के लिए प्रदर्शन अनुदान कुल निवेश का 35 प्रतिशत या 200 लाख रुपए जो भी कम हो, अनुदान दिया जाएगा।कुल निवेश में नए संयंत्र और मशीनरी तकनीक सिविल /इलेक्ट्रिकल कार्यो और से संबंधित बुनियादी ढांचे परिवहन और वितरण बुनियादी ढांचे ,नवीनीकरण ऊर्जा उपकरण ,सहित ऊर्जा कुशल उपकरण , मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार के लिए किए गए प्रयास सहित प्रौद्योगिकी उपाय और योजना के तहत आवेदन के वर्ष सृजित अतिरिक्त नौकरियों के लिए वेतन बिल पर हुए पूंजीगत निवेश पर किया व्यय शामिल होगा।

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