Electricity Bill Discount: उत्तर प्रदेश में प्रीपेड बिजली मीटर का उपयोग कर रहे उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। बिजली निगम ने प्रीपेड उपभोक्ताओं को 2 फीसदी तक की छूट देने का प्रस्ताव नियामक आयोग के पास भेजा है। यह प्रस्ताव यदि पास होता है, तो राज्य के लाखों उपभोक्ताओं को हर महीने के बिल में छूट मिल सकती है।
ऑनलाइन भुगतान करने वालों को भी मिलेगा फायदा
निगम के प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि इंटरनेट बैंकिंग से भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं से फीस नहीं ली जाएगी। इसके साथ ही अगर उपभोक्ता डेबिट या क्रेडिट कार्ड से ₹4000 तक का भुगतान करते हैं तो कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
समय पर भुगतान करने पर छूट का प्रावधान
बिजली निगम ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि यदि कोई उपभोक्ता समय पर बिल का भुगतान करता है, तो उसे 1 फीसदी की छूट मिलेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में यह छूट 5 फीसदी तक हो सकती है। हालांकि, यह छूट बकाएदार उपभोक्ताओं को नहीं दी जाएगी।
अग्रिम भुगतान पर ब्याज भी मिलेगा
यदि कोई उपभोक्ता अपने बिजली बिल का एडवांस में भुगतान करता है, तो उस पर भी उसे ब्याज देने का प्रावधान है। यह ब्याज सिक्योरिटी डिपॉजिट के समान दर पर दिया जाएगा। मासिक बिल की कटौती उस एडवांस राशि से की जाएगी और बची हुई रकम पर अगली बिलिंग में ब्याज जोड़ा जाएगा।
दरों में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव
जहां एक ओर छूट देने की बात की जा रही है। वहीं दूसरी ओर बिजली दरों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव दाखिल किया गया है। इस प्रस्ताव को लेकर उपभोक्ताओं में विरोध की लहर देखने को मिल रही है।
निजीकरण और दरों की बढ़ोतरी पर विरोध तेज
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा है कि सरकार बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण की तैयारी में है और उसी के तहत दरों में यह बढ़ोतरी की जा रही है। लखनऊ के लोहिया लॉ कॉलेज में होने वाली बिजली महापंचायत में इस प्रस्ताव पर गंभीर चर्चा होने वाली है।
बिजली महापंचायत में उठेगा यह मुद्दा
महापंचायत में बिजली कर्मचारियों का कहना है कि निजीकरण से पहले ही बिजली की दरें बढ़ाना आम जनता पर बोझ डालने जैसा है। इस फैसले से बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर भारी असर पड़ सकता है, खासकर मध्यम वर्ग और किसानों पर।
उपभोक्ताओं को क्या होनी चाहिए तैयारी?
यदि प्रस्ताव पास होता है, तो प्रीपेड मीटर, समय पर भुगतान और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले उपभोक्ताओं को राहत जरूर मिलेगी। लेकिन बढ़ी हुई दरों का असर सभी पर पड़ेगा। ऐसे में जरूरी है कि उपभोक्ता इन प्रस्तावों के हर पहलू को समझें और अपने मासिक खर्च की योजना उसी के अनुसार बनाएं।