Electricity Bill Hike: जुलाई 2025 में बिजली उपभोक्ताओं को फिर एक बार झटका लगने जा रहा है. इस बार बिजली बिलों में 1.97% अतिरिक्त अधिभार जोड़ा जाएगा. इसका मतलब है कि अगर किसी उपभोक्ता का बिल ₹1000 आता है, तो उसे ₹19.70 ज्यादा देना होगा. यह राशि अप्रैल महीने के ईंधन व ऊर्जा खरीद समायोजन अधिभार (एफपीसीए) के तौर पर वसूली जाएगी.
चार महीने में तीसरी बार बढ़ा बिजली बिल
इस वित्तीय वर्ष में यह तीसरा मौका है. जब बिजली बिलों में अधिभार लगाया जा रहा है. अप्रैल से अब तक केवल मई महीने में 2% की मामूली राहत दी गई थी. अन्य महीनों में उपभोक्ताओं को लगातार अधिभार देना पड़ा. जून महीने में 4.27% अधिभार वसूला गया. जिससे उपभोक्ताओं की जेब पर बड़ा असर पड़ा.
जनवरी से लागू है नया टैरिफ मॉडल
जनवरी 2025 में नियामक आयोग द्वारा बहुवर्षीय वितरण टैरिफ का तीसरा संशोधन लागू किया गया था. इसी के तहत ईंधन व ऊर्जा खरीद समायोजन अधिभार (FPPCA) को मंजूरी दी गई. इस व्यवस्था के अनुसार हर महीने का अधिभार तीन महीने बाद उपभोक्ताओं के बिल में जोड़ा जाएगा.
उपभोक्ता परिषद ने उठाए सवाल
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बिजली कंपनियों की इस वसूली को अनुचित ठहराया है. उनका कहना है कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का ₹33,122 करोड़ बकाया है. इसके बावजूद उनसे हर महीने सरचार्ज के नाम पर वसूली की जा रही है.
नियमों के खिलाफ रेगुलेशन बनवाने का आरोप
अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया कि बिजली कंपनियों ने आयोग से नियम विरुद्ध रेगुलेशन बनवाकर यह अधिभार लागू कराया है. उन्होंने मांग की कि यह राशि उपभोक्ताओं की बकाया रकम से समायोजित की जाए. परिषद का कहना है कि राहत देने के समय ही बिलों में छूट दी जानी चाहिए, न कि हर महीने अधिभार के नाम पर अतिरिक्त वसूली.
जुलाई में वसूले जाएंगे 187 करोड़ रुपये
जुलाई के महीने में बिजली कंपनियां लगभग ₹187 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपभोक्ताओं से वसूलेंगी. इससे पहले, जून महीने में करीब ₹390 करोड़ की वसूली की गई थी. यानी लगातार हर महीने बिजली कंपनियों को अधिभार के जरिए मोटी कमाई हो रही है.
एफपीसीए का असर आम उपभोक्ता पर
यह अधिभार सीधे तौर पर आम जनता की मासिक बजट योजना को प्रभावित कर रहा है. मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा लोग और किसान वर्ग पहले से ही महंगाई से जूझ रहे हैं और अब हर महीने बिजली बिल में बढ़ोतरी उन्हें और परेशान कर रही है.
क्या है एफपीसीए (FPPCA) और क्यों लगाया जाता है?
एफपीसीए (Fuel and Power Purchase Cost Adjustment) एक ऐसा चार्ज है जिसे ऊर्जा की बढ़ी हुई खरीद लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है. जब किसी महीने में बिजली कंपनियों को ऊर्जा महंगी दरों पर खरीदनी पड़ती है, तो उसका बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जाता है. हालांकि इसे समायोजन अधिभार कहा जाता है. लेकिन इसका असर हर महीने बढ़ते बिल के रूप में सामने आता है.
बिजली उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए?
उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे बिजली परिषद और आयोग से जवाबदेही मांगें. साथ ही इस अधिभार के खिलाफ लोक स्तर पर जागरूकता फैलाएं. यह भी आवश्यक है कि प्रीपेड मीटर, सौर ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता जैसे उपाय अपनाकर उपभोक्ता अपनी खपत और खर्च को नियंत्रित करें.