New Liquor Policy 2025 :महंगी शराब पर सस्ती डिलीवरी से बड़ी ठगी, ऑनलाइन डिलीवरी से पंजाब सरकार को करोड़ों का चूना 

Saroj kanwar
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New Liquor Policy 2025: पंजाब सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर राज्य के राजस्व में 1300 करोड़ रुपये की उछाल जरूर दर्ज की है, लेकिन शराब कारोबारियों के लिए यह राहत की बजाय नई चुनौतियों की वजह बन गई है। कारोबारी वर्ग का कहना है कि बिक्री में कोई बड़ा इजाफा नहीं हुआ, उल्टा हरियाणा और चंडीगढ़ से आ रही सस्ती शराब की तस्करी ने बाजार को प्रभावित किया है।

चंडीगढ़-हरियाणा से हो रही सस्ती शराब की तस्करी

कारोबारियों का आरोप है कि चंडीगढ़ और हरियाणा में शराब पर एक्साइज ड्यूटी कम होने के कारण वहां से पंजाब में शराब की अवैध सप्लाई हो रही है। यह तस्करी कई बार कोरियर सर्विस के जरिये भी की जा रही है। लुधियाना जैसे शहरों में विदेशी शराब की बोतलें बाजार मूल्य से आधे रेट में डिलीवर की जा रही हैं।

ऑनलाइन डिलीवरी बना सरकार के रेवेन्यू पर खतरा

शराब कारोबारी बताते हैं कि 2500 रुपये की शराब की दो बोतलें एक ही कीमत में ऑनलाइन मिल रही हैं, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया है कि यह शराब चंडीगढ़ और गुड़गांव से अवैध रूप से लाई जा रही है। इससे न केवल वैध कारोबार को नुकसान हो रहा है बल्कि सरकार को मिलने वाला राजस्व भी प्रभावित हो रहा है।

इंफोर्समेंट विंग सक्रिय

पंजाब सरकार की इंफोर्समेंट विंग सक्रिय है और लगातार कार्रवाई कर रही है, फिर भी शराब तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। हाल ही में जालंधर में 300 पेटी अवैध शराब पकड़ी गई थी, लेकिन सूत्रों के अनुसार, मामले को रफा-दफा कर दिया गया। इस तरह की घटनाएं प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती हैं।

टेंडर प्रक्रिया में भी दिखी अव्यवस्था

इस वर्ष शराब की दुकानों की नीलामी प्रक्रिया भी विवादों में रही। पहले चरण में केवल 40% ग्रुपों के ही टेंडर हो पाए। इसके बाद सरकार को तीन बार टेंडर की शर्तों में बदलाव करना पड़ा। पंजाब में इस बार शराब ग्रुपों की संख्या भी घटाई गई – 277 से घटाकर लगभग 207 और लुधियाना में 44 ग्रुप रखे गए।

कारोबारियों की नाराजगी

शराब व्यवसाय से जुड़े कारोबारी लगातार यह शिकायत कर रहे हैं कि सरकार का ध्यान सिर्फ अपने राजस्व को बढ़ाने पर है, जबकि वैध व्यवसायियों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। उनका कहना है कि यदि तस्करी पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो भविष्य में व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित हो सकता है।

कारोबारी वर्ग ने मांगा ठोस समाधान

शराब कारोबारियों की मांग है कि तस्करी पर सख्ती से लगाम लगाई जाए और साथ ही प्रशासनिक स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी अवैध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। उनका कहना है कि सिर्फ एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर सरकार को फायदा नहीं मिलेगा जब तक वह व्यवसाय की स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती।

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